गहरे वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाब सरकार अब जीएसटी को लेकर केंद्र से आरपार की लड़ाई के मूड में आ गई है। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने साफ कर दिया है कि अगर मसला नहीं सुलझा तो राज्य सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र के रवैये को देखते हुए सोमवार को होने वाली पंजाब कैबिनेट की बैठक में बी-प्लान तैयार करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि राज्य को वित्तीय संकट से उबारा जा सके।
मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन करने पहुंचे मनप्रीत बादल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मंगलवार को कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात करेंगे और जीएसटी के स्टेट शेयर व मुआवजे की अदायगी में हो रही देरी के मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय वित्त मंत्री से यह भी आग्रह करेंगे कि किसी भी विवाद के आपसी सूझबूझ से हल के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। इसके बाद भी अगर मसला नहीं सुलझा तो हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय तय हुआ था कि राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र करेगा। पंजाब को 23 फीसदी राजस्व फसल खरीद पर वैट के रूप में आता था, लेकिन जीएसटी के चलते यह वैट हटा दिया गया। पहले तो जीएसटी का स्टेट शेयर प्रति माह आता था, लेकिन बाद में केंद्र ने इस अदायगी को प्रत्येक दो माह पर कर दिया।
अब तीन माह बीत चुके हैं और केंद्र ने राज्य सरकार का बकाया नहीं दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्य मुद्दा बकाया 4100 करोड़ रुपये का है और यह रकम मामूली नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान में यह साफ किया गया है कि राज्यों को टैक्स में नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी होगी।
कैप्टन को चिट्ठी नहीं, इंटरनल नोट भेजा था: वित्त मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि वित्तीय हालात के बारे में उन्होंने विदेश दौरे पर गए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि यह एक इंटरनल नोट था, जिसमें कहा गया था कि अगर केंद्र सरकार बकाया 4100 करोड़ रुपये का राज्य को भुगतान नहीं करती तो हमारे पर प्लान-बी क्या होगा? क्या इस राशि के बिना राज्य का गुजारा चल सकेगा?
यह हो सकता है सरकार का प्लान बी: वित्त मंत्री ने कहा कि प्लान-बी के तहत राज्य सरकार विभिन्न तरीकों से राजस्व जुटाने के उपाय खोज सकती है, जिसमें, कंपनियों से टैक्स की एडवांस वसूली, विभिन्न उपक्रमों और सेवाओं पर एरियर, नये साधनों की खोज आदि पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में विचार किया जाएगा।