कोयलांचल की धरती अपने कोयला उत्पादन के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है लेकिन धनबाद की राजनीति में झरिया सीट राजनीतिक गतिविधियो की वज़ह से बेहद ही प्रसिद्ध रहा है। झरिया की सीट पर वर्तमान में भाजपा से संजीव सिंह विधायक है और फिल्हाल जेल में चचेरे भाई नीरज़ सिंह की हत्या के आरोप में सजा काट रहे है।
झरिया विधानसभा की सीट एक परिवार तक सीमित है अगर ये कहा जाये तो इसमें कोई गलत बात नहीं होगी। झरिया सीट पर तीन बार विधायक रहे सूर्यदेव सिंह, उसके बाद भाई बच्चा सिंह विधायक रहे और दो बार उनकी पत्नी कुंती सिंह विधायक रही और वर्तमान में सूर्यदेव सिंह एंव कुंती देवी के पुत्र संजीव सिंह यहाँ के मौजूदा विधायक है।
Read This: दागी उम्मीदवारो से भर गयी है भाजपा, 65 के लक्ष्य को प्राप्त करना होगी चुनौती
सिंह मेंशन घराना एक वक्त में इतना मजबूत था की लगातार सत्ता पर कायम रहे और धनबाद की सियासत में अपना लोहा मनवाते रहे। सिंह मेंशन से अलग होने के बाद रघुकुल बना और वर्ष 2014 के चुनाव में दो घराने जो कभी एक थे अब दोनो एक दुसरे के खिलाफ लड़ रहे थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिंह मेंशन के संजीव सिंह को टिकट दिया तो वहीं कॉग्रेस ने रघुकुल के नीरज़ सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया। इस चुनाव में नीरज़ सिंह 40 हजार वोटो से हार गये और फिर एक बार झरिया सीट सिंह मेंशन के नाम हो गया
Read This: अगर हम सत्ता में आएंगे तो कृषि ऋण माफ करेंगे: राहुल गाँधी
चुनाव के तीन साल बाद यानी 2017 में कांग्रेस के टिकट पर लड़ने वाले और संजीव सिंह के चचेरे भाई नीरज़ सिंह की हत्या हो गयी। जिसकी जाँच-पड़ताल हुई और नीरज़ सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपीे विधायक संजीव सिंह को पाया गया। जाँच में पुलिस ने ये पुष्टि की थी की संजीव सिंह ने ही नीरज़ सिंह की हत्या करवायी थी जिसके चलते संजीव सिंह अभी जेल में बंद है और 2019 विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए निर्दलये पर्चा भी भर चुके है.
झरिया विधायक संजीव सिंह अपने बड़े भाई की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी रागिनी सिंह से कोर्ट मैरेज़ किये थे। सिंह मेंशन की बहु रागिनी सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास की उपस्थिती में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुकी है और पति के जेल से रिहा होने की उम्मीद न के बराबर है इस लिहाजे से भाजपा ने संजीव सिंह की जगह रागिनी सिंह को भाजपा अपना उम्मीदवार बनाया है। रागिनी सिंह राजनीती में काफी सक्रिये हो गयी है।
Read This: मोदी सरकार के 1 साल के कार्यकाल में 6.9% से घटकर 1% हो गया मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ
2017 में पति नीरज़ सिंह की हत्या होने के बाद रघुकुल घराने में उनकी राजनीतिक छवी और इज्जत को बनाये रखने की सबसे बड़ी चुनौती थी और इन चुनौतियो को नीरज़ सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह ने स्वीकार किया और जनता के बीच सक्रिये हो कर लोगो से मिल रही है। दिवंगत नीरज़ सिंह के छोटे भाई अभिषेक सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि उनकी भाभी पूर्णिमा सिंह कांग्रेस में शामिल होगी और उन्होंने ऐसा ही किये पूर्णिमा सिंह ने कांग्रेस का दामन थामा और पार्टी ने उन्हें झरिया से विधानसभा का टिकट भी दे दिया है जिसके बाद से वो और ज्यादा मेहनत करती हुई दिखाई दे रही है.
इन दोनों के किस्मत का फैसला 23 दिसंबर को चुनाव के परिणाम आने के बाद हे पता चल पायेगा की कौन किस पर भरी है