Skip to content
Advertisement

विधानसभा के लिए थम गया चुनाव प्रचार का शोर ! हेमंत, बाबूलाल, सुदेश और रघुवर दास ने झोकी पूरी ताक़त

WhatsApp Image 2019-12-18 at 4.50.41 PMविधानसभा चुनाव के आखरी चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम गया अब प्रत्याशी घर घर जा कर वोट की अपील ही कर सकते है. आखिरी चरण यानी पांचवे चरण में संथाल परगना की 16 सीटों पर 20 दिसंबर ( शुक्रवार ) को वोट डालें जायेंगे।

Advertisement
Advertisement

दुमका और बरहेट से लड़ रहे है हेमंत सोरेन:

पांचवे चरण में कई बड़े चेहरे चुनावी मैदान में है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और विपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री के उमीदवार हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट सीट से चुनावी मैदान में है. तो वही दूसरी ओर दुमका सीट पर भाजपा से 2014 की प्रत्याशी और मंत्री लुईस मरांडी पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया है. 2014 के विधानसभा चुनाव में मरांडी ने हेमंत सोरेन को हराया था लुईस मरांडी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनावी सभा की है. हेमंत सोरेन लगातार रघुवर सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरते आयी है जिसका फायदा भी उन्हें इस चुनाव में मिलने की उम्मीद है

Also Read: विकास का नाम भूल गयी है भाजपा, धर्म के नाम पर वोट मांग रहे है भाजपा के लोग

बाबूलाल मरांडी भी लगा रहे है पूरा दम

झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी भी अपने प्रत्याशियों के लिए पूरा लगते देखे गए. गठबंधन से अलग होने के बाद 81 सीटों पर चुनाव लड़ रही है झाविमो। बाबूलाल मरांडी उड़न खटोले( हेलीकाप्टर) में सवार हो कर अपने प्रत्याशियों के लिए मेहनत करने में कोई कसर बाकि नहीं रहने दिए है. बाबूलाल मरांडी खुद राजधनवार से चुनावी मैदान में है. चुनाव परिणाम आने के बाद झाविमो का रुख किस ओर होगा इस पर सब की निगाहें होंगी

गावं की सरकार के नारे के साथ सुदेश ने भी दिखाया अपना दम

भाजपा की सहयोगी रही आजसू पार्टी के मुखिया सुदेश महतो भी चुनावी समर में खूब ताल ठोकते देखे गए, भाजपा से अलग होने के बाद आजसू पार्टी अकेले चुनावी मैदान में है लेकिन इन सब के बीच दिलचस्प बात ये है की 2014 का लोकसभा साथ में लड़ने के बाद आजसू पार्टी को अपना एक सांसद मिला जो चंद्र प्रकाश चौधरी है. लेकिन उन्होंने अभी तक NDA गठबंधन से इस्तीफा नहीं दिया है और वो केंद्र में भाजपा गठबंधन का हिस्सा अभी भी है. पुरे चुनावी अभियान के दौरान सुदेश महतो गाँव के लोगो को ज्यादा साधने की कोशिश करते रहे और इसी के क्रम में उन्होंने ”गाँव की सरकार” का नारा दिया जो काफी प्रचलित भी हुआ

Also Read: हेमंत सोरेन ने कहा भाजपा और आजसू पार्टी जनता को देती है धोखा झामुमो को वोट देकर सिखाये सबक

”अबकी बार 65 पार” के नारे के साथ रघुवर दास थे चुनावी मैदान में

राज्य के मुख्य मंत्री रघुवर दास का चुनावी अभियान 65 पर के नारे के साथ शुरू हुई. पांच साल का शासन पूरा करने वाली रघुवर सरकार झारखंड की पहली ऐसी सरकार बन गयी है जिसने पांच सालो का कार्यकाल पूरा किया है. इससे पहले किसी भी सरकार ने झारखण्ड में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पायी थी. जिस तरह से पांच साल सरकार चलने का रघुवर सरकार के नाम रिकॉर्ड दर्ज हुआ तो वही दूसरी ओर कई दाग भी लगा जिससे भाजपा बैकफुट पर दिखाई देती रही. CNT/SPT एक्ट, पत्थलगढ़ी, दरोगा बहाली, 10+2 के शिक्षकों की नियुक्ति, पारा शिक्षक, आंगनवाड़ी कर्मी, महिला सुरक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों पर लगातार विपक्षी पार्टयों के जुबानी हमलो का शिकार होना पड़ा. सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने भी रघुवर दास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और जमशेदपुर पूर्वी में चुनाव ख़तम होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रघुवर दास पर नौकरी का झूठा अकड़ा पेश करने का आरोप लगा दिया।

सरयू राय ने कहा था की स्किल इंडिया के नाम पर पैसो का बंदर बाट किया गया है. रघुवर दास रोजगार देने का रिकॉर्ड बनवा लेते है लेकिन नौकरी देने का रिकॉर्ड ही पूरा झूठा है. सरयू राय निर्दलये प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थे और हेमंत सोरेन ने उनका समर्थन भी किया था इसलिए सरयू राय ने दुमका में हेमंत सोरेन के पक्ष में प्रचार किया और उनके लिए वोट भी माँगा जहां उन्होंने रघुवर दास पर जम कर निशाना साधा।

Advertisement
विधानसभा के लिए थम गया चुनाव प्रचार का शोर ! हेमंत, बाबूलाल, सुदेश और रघुवर दास ने झोकी पूरी ताक़त 1