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कोडरमा कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पहली बार किसी को मिली फांसी की सजा

कोडरमा जिले के सतगांवा थाना अंतर्गत ग्राम डुमरी में एक ही परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या के एक मामले में बुधवार को सुनवाई के पश्चात कोडरमा के जिला जज चतुर्थ विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। कोडरमा जिले में किसी मामले में फांसी की सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है। घटना वर्ष 2004 का है।

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इस मामले में मृतक सेवानिवृत्त शिक्षक कपिल देव प्रसाद यादव के पुत्र सुरेश कुमार के लिखित आवेदन पर सतगांवा थाना में कांड संख्या 34/04 भादवि की धारा 396, 302 3/4 एक्सप्लोसिव एक्ट व 17 सीएलए एक्ट के तहत दर्ज किया गया था। घटना में कपिल देव यादव के अलावा उनके पुत्र अनुज कुमार, नीरज कुमार व एक अन्य रिश्तेदार सकलदेव यादव की घर में घुसकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद सभी अभियुक्त एमसीसी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए चले गए थे.

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मामले में 16 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। बाद में मामले में हुई सीआइडी जांच में 8 लोगों को बरी कर दिया गया था। वहीं 8 लोगों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। एक अभियुक्त सुनील यादव, जो एमसीसीआइ का एरिया कमांडर भी था, को पूर्व में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। जबकि एक अभियुक्त दरोगी प्रसाद यादव की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। वहीं दो अन्य अभियुक्त रामवृक्ष यादव व संजय यादव के खिलाफ 13 दिसंबर 2016 को आरोप पत्र गठित किया गया था।

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इन दोनों अभियुक्तों को मामले की सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक विनोद प्रसाद ने 11 गवाहों का परीक्षण कराया, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वासिफ़ बख्तावर खान ने दलीलें रखी। मनोज यादव, महेश कुमार, सरस्वती देवी, दयानंद प्रसाद यादव व सुरेश कुमार घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे। गवाहों के बयान व अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने मामले को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट मानते हुए फांसी की सजा मुकर्रर की। कांड के अभियुक्त फरार हैं।

 

Source: Dainik Jagran
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