झारखण्ड ई-मैनेजर्स अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आवास घेरेंगे। ई-मैनेजर्स संविदा विस्तार और स्थाईकरण को लेकर 17 मार्च को प्रदर्शन करेंगे।
झारखण्ड ई-मैनेजर्स एसोसिएशन ने एक पत्र जारी करते हुए कहा की एक मार्च 2020 को ई-मैनेजर्स एसोसिएशन के कार्यकारणी सदस्यों की बैठक हुई थी जिसमे ये निर्णय लिया गया है की एसोसिएशन 17 मार्च को अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेगा। यदि हमारी मांगो पर 16 मार्च तक निर्णय नहीं लिया गया तो हम आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
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झारखण्ड ई-मैनेजर्स एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा है की झारखण्ड में कुल 332 ई-मैनेजर्स कार्यरत है जिनकी संविदा विस्तार, स्थायी करने सहित राज्यकर्मियों की तरह सारी देने की मांग सरकार से की गयी है. इन मांगो को लेकर एसोसिएशन हमसे सम्बंधित सभी विभागों को पत्र लिखा गया लेकिन कोई भी निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है, जिस कारण मजबूर होकर हमें आंदोलन की ओर जाना पड़ रहा है.
झारखण्ड ई-मैनेजर्स एसोसिएशन ने ये भी कहा की ई-मैनेजर्स के कर्मियों द्वारा झारखण्ड के पुरे जिले और प्रखंडों में डिजिटल इंडिया के तहत ई सर्विसेस में क्रांतिकाम किया गया जिसकी प्रशंसा पुरे भारत में की गयी और जिस करना से देश में डीबीटी सेवा में झारखण्ड को द्वितीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ. सेवा विस्तार नहीं होने से कर्मियों के सामने बेरोजगारी और भुखमरी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही है. घर परिवार चलना मुश्किल हो चूका है.
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मालूम हो की रघुवर दास सरकार के दौरान झारखण्ड ई-मैनेजर्स के कर्मियों से सेवा लेना बंद कर दिया गया था. जिसके बाद सियासत भी काफी तेज हो गयी थी, वर्तमान मुख्यमंत्री उस वक़्त विपक्ष में और उन्होंने भी इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था. लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से सभी जिले के उपायुक्तों को निर्देश दिया गया था की इनका मूल्यांकन कर रिपोर्ट दिया जाये। सभी जिला के उपायुक्तों ने मूल्यांकन कर सरकार तक फाइल को पंहुचा दिया है लेकिन मामला अब भी लटका हुआ है. हेमंत सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है ये देखने वाली होगी।