कोरोना वायरस की चपेट से झारखण्ड अभी दूर है. लेकिन ऐतिहात के तौर पर सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा झारखण्ड को 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरे भारत में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पुरे देश को लॉकडाउन कर दिया।
लॉकडाउन होने से दिहाड़ी मजदूरों के सामने सबसे बड़ी समस्या है खाने की, दैनिक मजदूरी करके कहने वाले मजदूर या तो सरकार की योजनाओ पर निर्भर है या फिर किसी सामाजिक संगठनों के इंतजार में रहते है. झारखण्ड सरकार ने यह घोषणा किया है की प्रत्येक गरीब परिवार को 1000रु महीना दिया जायेगा जिससे की वो अपना परिवार के लिए राशन की जरूरतों को पूरा कर सके. ये मासिक देय तीन महीनो के लिए होगा।
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गोड्डा से कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने सीएम हेमंत सोरेन से मांग की है की सफ़ेद राशन कार्ड वालो को भी लाल राशन कार्ड धरियो की तरह सरकारी दर पर तीनो महीनो तक राशन दिया जाये ताकि वे भी अपने परिवार का भ्रण-पोषण कर सके. लॉक डाउन के दौरान हमें ये ध्यान रखना होगा की कोई भी गरीब परिवार भूखा न रहे. आगे फुरकान अंसारी ने कहा की सरकारी दर पर गेहूं, चावल, चीनी, नमक 3 माह के लिए उपलब्ध कराया जाए। इससे निम्न मध्यवर्गीय लोगों को लाभ मिलेगा।
मालूम हो की सरकार के द्वारा 1200 से अधिक दाल-भात केंद्र खोले जा चुके है. जिसमे पुलिस थाने भी जरुरत मंदो को खाना खिलाने में अपना सहयोग से रहे है. जरुरत की चीज़ो को घरो तक पहुंचाने के लिए कई जिलों में ऑनलाइन सेवा भी शुरू की गयी है. ताकि कोई भी घर से न निकल सके और लॉक डाउन का पूरा पालन हो.