झारखण्ड सरकार लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है की राज्य में कोरोना से लड़ने के लिए जितनी मात्रा में मेडिकल किट की जरुरत है उतनी केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. कोरोना को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.
झारखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश को पीपीई कीट, सैंपल टेस्टिंग किट और वेंटिलेटर उपलब्ध कराए। इसके अलावा अदालत ने कोरोनावायरस से संक्रमित एवं संदिग्धों की जांच के लिए लगाए गए एएनएम और सहिया को ट्रेंड करने का भी आदेश दिया। हाई कोर्ट कोरोनावायरस से राज्य सरकार की तैयारियों को लेकर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान अदालत ने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया रिपोर्ट को इग्नोर नहीं किया जा सकता।
इसके पूर्व शनिवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से लॉक डाउन के बाद राज्य में दूसरे राज्यों से लोगों के आने के बारे में पूछा था। अदालत ने पूछा था कि बाहर से आने वालों और संदिग्ध मरीजों के लिए राज्य में कितने क्वारंटाइन होम और आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें कितने लोगों को रखा गया हैं। स्क्रीनिंग के बाद कितने लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव मिली है। राज्य के अस्पतालों में कोरोना की जांच की क्या व्यवस्था है और कितने स्थान पर सैंपल जांच की जा रही है। पीपीई की कमी पर चिंता जताते हुए हाई कोर्ट ने पूछा था कि सरकार के पास अभी कितने वेंटिलेटर हैं और कितने की जरूरत राज्य सरकार को है।