पिछले तीन दिनों में झारखण्ड में कोरोना पॉजिटिव की संख्या में काफी तेजी आयी है. जहाँ कुछ दिनों तक राज्य भर में सिर्फ 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे तो 24 घंटे में ये आंकड़ा बढ़ कर 14 तक पहुंच गया है. तो वही गिरिडीह जिला में कोरोना से मौत का मामला भी सामने आ चूका है. ऐसे में सरकार इसे रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है इसपर सबकी निगाहे टिकी हुई है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सर्वदलीय बैठक की जिसमे विभिन्न राजनितिक दलों के नेता मौजूद रहे. बैठक में उन्होंने सभी दलों के नेताओं से पूछा कि इस संकट से उबरने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए. उन्होंने सरकार की तैयारी से भी सभी दलों के नेताओं को अवगत कराया. वह राज्य के सांसदों और विधायकों के साथ भी बैठक करेंगे. बैठक में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करेंगे. इस दौरान लॉकडाउन को आगे बढ़ाने पर भी विचार हो सकता है. संकट की इस घड़ी में सरकार एक साथ कई मोर्चे पर काम कर रही है. एक ओर लोगों को स्वस्थ रखने के लिए पूरे शहर को सैनिटाइज किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ लोगों का हक मारने वाले जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए भी सरकार और उसके तंत्र को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
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कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा हेतु आयोजित सर्वदलीय बैठक में भाग लेने आये दलों के प्रतिनिधियों को मेरा धन्यवाद।बैठक में समीक्षा के दौरान सुझावों और समस्याओं पर भी बात हुई।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 10, 2020
कोरोना से लड़ाई को हमें मिलकर लड़ना है, सामाजिक सहयोग से ही इस महामारी पर काबू पाया जा सकता है। pic.twitter.com/wZguGezpfw
बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने ये साफ़ किया की समस्या उत्पन्न करने वाले असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही की जाएगी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अन्य राज्यों में फंसे तक़रीबन 7 लाख लोग झारखण्ड वापस आएंगे। ऐसे में कोरोना विकराल रूप ले सकता है. उन्होंने कहा कि जो लोग रोग छुपा रहे हैं, वे मौत को दावत दे रहे हैं. ऐसे लोग जांच करवाने के लिए आगे आयें.
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कोरोना वायरस संक्रमण के बीच तबलीगी जमात के बारे में फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले रामगढ़ के शिक्षा पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनसे सात दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है. उनकी टिप्पणी को संप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास माना गया है. कहा गया है कि यदि तय समय के भीतर उन्होंने जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.