HEMANT SOREN : निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों को एक माह के भीतर स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम, 2021 के प्रविधानों के तहत अपना निबंधन एक माह में कराना होगा।
साथ ही वैसे सभी कर्मियों का भी तीन माह के अंदर नामांकन कराना होगा, जिनका वेतन 40 हजार या इससे कम है। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने अधिनियम के इन प्रविधानों का सख्ती से लागू करने के निर्देश सभी जिला नियोजन पदाधिकारियों को दिए हैं। जिला नियोजन पदाधिकारियों द्वारा इसे निजी कंपनियों को सूचित किया जा रहा है।
निबंधन के संबंध में कहा गया है कि कोई भी कंपनी (नियोक्ता) स्वयं निबंधन के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन जिला नियोजन पदाधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं जिसके बाद तीन कार्य दिवसों के अंदर पोर्टल पर विवरण अपलोड किया जाएगा।
नियोक्ता स्वयं आनलाइन भी यह कार्य कर सकेंगे। कोई भी निजी क्षेत्र नई परियोजना की शुरुआत के पूर्व सूचित करेगा कि परियोजना के प्रारंभ के 30 दिन पूर्व प्राधिकृत अधिकारी को उक्त अधिनियम के अधीन आनेवाले कर्मियों की संख्या को आवश्यक कौशल के साथ स्पष्टता इंगित करते आवश्यक जानकारी देगा।
जिला नियोजन अधिकारी आवश्यक कौशल युक्त मानव बल की उपलब्धता का मूल्यांकन करेगा। यदि कर्मियों के आवश्यक प्रशिक्षण व कौशल विकास की आवश्यकता होगी तो इस कार्य को अनिवार्य रूप से कराया जाएगा।
यह काम सीएसआर फंड या झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की सहायता से हो सकता है। यदि आवश्यक मानव बल की कमी है तो प्राधिकृत अधिकारी 30 दिनों के अंदर निर्धारित प्रपत्र में न्यूनतम 75 प्रतिशत स्थानीय नियोजन के मानदंड को पूरा करने हेतु अधिनियम के अनुपालन में प्रस्तावित कार्य योजना प्रस्तुत करेगा।
स्थानीय लोगों के नियोजन में विस्थापित हुए लोगों के आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस अधिनियम के अनुपालन कराने के लिए राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति भी गठित की गई है। श्रम विभाग के प्रधान सचिव इसके अध्यक्ष, निदेशक प्रशिक्षण एवं नियोजन सदस्य सचिव, श्रमायुक्त, उद्योग विभाग के निदेशक, कारखाना निरीक्षक तथा मुख्य बायलर निरीक्षक इसके सदस्य बनाए गए हैं।
राज्य स्तरीय समिति अधिनियम के प्रविधानों को लागू करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी। इसकी बैठक प्रत्येक तीन माह पर होगी।