रांची।झारखंड में सत्तारूढ़ दल के नेता मुख्यमंत्री पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घिरने के बाद महागठबंधन (UPA) नेताओं में सक्रियता देखने को मिलने लगी है. दिन गुरूवार को UPA विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा है. प्रतिनिधिमंडल ने यूपीए विधायकों द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ एक ज्ञापन सौंपा है. राज्यपाल रमेश बैस ने इलेक्शन कमीशन द्वारा प्राप्त पत्र के दो बिंदुओं पर अध्ययन करने के बाद अपना फैसला सार्वजनिक करने की बात कही है.उन्होंने कहा है कि जल्द ही वो अपना फैसला सबके समक्ष रखेंगे।
UPA के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद महुआ माजी (झामुमो), सांसद गीता कोड़ा, (कांग्रेस), धीरज साहू (कांग्रेस) और सांसद विजय हांसदा (झामुमो) के साथ-साथ विनोद पांडे (झामुमो), सुप्रियो भट्टाचार्य (झामुमो) ,राष्ट्रीय जनता दल से विनोद भोक्ता और बंधु तिर्की (कांग्रेस) ने पत्र लिखकर राज्यपाल से चुनाव आयोग के फैसले को सार्वजनिक करने का अनुरोध करते हुए कहा कि ”हमें यह जानकर और भी आश्चर्य हुआ कि सभी समाचारों में प्रकाशित किया जा रहा है कि झारखण्ड के माननीय राज्यपाल द्वारा धारा 9-ए के तहत अयोग्य घोषित करने का निर्णय संभावित है. इससे संबंधित जानकारी राजभवन द्वारा जल्द जारी की जायेगी. इस तरह की खबरों को स्थानीय और राष्ट्रीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सनसनीखेज बनाया जा रहा है. जिससे बहुत सारी अनिश्चितता पैदा हो रही है और अफवाहों को बढ़ावा मिल रहा है. महामहिम से हम चुनाव आयोग से प्राप्त राय सार्वजनिक करने का अनुरोध करते हैं।