घटना के बारे में बताते हुए महिला ने कहा कि वो और उनके परिवार के लोग छत पर खाना बना रहे थे, जबकि नीचे पूजा का आयोजन चल रहा था।
इसी दौरान अचानक कुछ युवकों ने घर पर पटाखा बम फेंकना शुरू कर दिया। बम फेंके जाने के कारण एक साल की बच्ची घायल होने से बच गई और डर से रोना भी पड़ा।
महिला का आरोप है कि जब परिवार के लोग इस घटना के बारे में पूछने गए, तो वहां तीन युवक—नरेश यादव, रंजीत यादव और पंकज यादव—नशे में थे और धमकी भरे लहजे में बोले कि “हां, हमने ही बम फेंका है। जो करना है, कर लो।” इन युवकों ने खुलकर अपनी हरकतों को स्वीकारा और परिवार वालों को डराने का प्रयास भी किया।
महिला ने बताया कि इन युवकों से पहले से कुछ सामाजिक दुश्मनी चल रही थी, जिसके चलते यह घटना हुई हो सकती है।
घटना के बाद महिला ने अपने परिवार के साथ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचकर न्याय की मांग करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।
उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन उनके घर पर इस प्रकार की हरकत से परिवार के सभी लोग सहमे हुए हैं। महिला ने पुलिस प्रशासन से इस मामले में त्वरित कदम उठाने की गुजारिश की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और गांव में शांति बनी रहे।