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Old Pension Scheme: 2024 में केंद्रीय कर्मी निकाल सकते हैं मोदी सरकार की हवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य में भी उठा ओपीएस का मुद्दा !

Old Pension Scheme: 2024 में केंद्रीय कर्मी निकाल सकते हैं मोदी सरकार की हवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य में भी उठा ओपीएस का मुद्दा ! 1

राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों ने पहले ही लागू की है ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस), अब भाजपा राज्य में उठी मांग.

देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों में झामुमो सबसे पहली पार्टी, जिसने किया था वादा पूरा.

Old Pension Scheme: केंद्र की सत्ता में किसी भी पार्टी को लाने या हटाने में केंद्रीय कर्मियों का एक अहम रोल होता है. वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या करीब 34 लाख के आसपास हैं. वैसे तो मोदी सरकार हमेशा केंद्रीय कर्मियों को आर्थिक राहत देने का दावा करती रही है. लेकिन हकीकत इससे विपरित है. सभी जानते हैं कि आज जिस मांग को लेकर सरकारी कर्मी आंदोलन कर रहे हैं, उसे भाजपा ने ही 2004 में हटाया था. वह स्कीम थी ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस). उस समय तो केंद्रीय कर्मी चुप रहे, लेकिन कई राज्यों के कर्मी बीच-बीच में ओल्ड पेंशन स्कीम लाने की मांग करते रहे. इसका असर भी दिखा. गैर-भाजपा शासित राज्यों में इसे लागू किया जाने लगा. कांग्रेस तो इसमें शामिल थी ही, लेकिन देश की विभिन्न क्षेत्रीय पार्टियों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सबसे आगे रही. बता दें कि झामुमो ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सरकार बनने के बाद योजना लाने का वादा किया था.

Old Pension Scheme: भाजपा शासित राज्यों में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लाने की उठी मांग.

गैर भाजपा शासित राज्यों को देख अब भाजपा शासित राज्यों में भी ओल्ड पेंशन योजना दोबारा शुरू करने की मांग उठने लगी है. इसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्य शामिल हैं. कर्नाटक में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देख मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ओपीएस की स्टडी करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. कर्नाटक में पिछले दिनों सरकारी कर्मचारी ओपीएस सहित अन्य कई मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक 23 मार्च को ही कमेटी राजस्थान का दौरा करने वाली है. यह कमेटी झारखंड राज्य का भी दौरा करेगी, जहां की हेमंत सोरेन सरकार ने मजबूती के साथ ओपीएस को दोबारा लागू किया है. बीते दिनों भाजपा शासित महाराष्ट्र और हरियाणा के भी सरकारी कर्मी ओपीएस की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे.

Old Pension Scheme: अब बात 2024 में भाजपा की हवा निकलने की.

गैर-भाजपा सहित भाजपा शासित राज्यों के कर्मियों के बाद भी केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने के मूड में नहीं है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं हो रहा. पर मोदी सरकार शायद यह भूल गयी है कि केंद्रीय कर्मियों के अंदर भी ओपीसी की चाह है. हालांकि वे खुलकर तो नहीं बोल पा रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में भारतीय नागरिक को मिले वोट का अधिकार भाजपा की हवा को निकालने को काफी है.

Old Pension Scheme: जानें, नई पेंशन योजना के बार में, पुरानी क्यों है बेहतर.

1 जनवरी 2004 से लागू नई पेंशन योजना (एनपीएस) में कर्मी सेवानिवृत्त होने के बाद निवेश की गई राशि का 60 प्रतिशत निकाल सकते हैं. इसमें कर्मी के साथ सरकार का भी योगदान होता है.

Old Pension Scheme: सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलने वाले ओल्ड पेंशन स्कीम के फायदे…

• जीवन के अंतिम समय तक पेंशन.
• अंतिम बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत तक पेंशन.
• सेवानिवृत्त के बाद कर्मी की मृत्यू होने पर पेंशन की राशि परिजनों को.
• पेंशन देने के लिए कर्मियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती.
• कर्मियों को मेडिकल भत्‍ता और मेडिकल बिलों की राशि वापस करने की भी सुविधा.
• सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को 20 लाख रुपये तक की राशि ग्रेच्युटी के रूप में मिलती है.

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Old Pension Scheme: 2024 में केंद्रीय कर्मी निकाल सकते हैं मोदी सरकार की हवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य में भी उठा ओपीएस का मुद्दा ! 3