सोशल मीडिया कब किसको उछाल कर आसमान पर पहुंचा दे कहा नहीं जा सकता।
रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर भीख मांगती रानू मंडल हो या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बच्चे “सहदेव डिर्डो” के साथ “बसपन का प्यार” गाते हुए सोशल मीडिया पर शेयर क्या कर दिया वह रातो रात स्टार बन गया और रैप गायक बादशाह से लेकर संगीतकार विशाल डडलानी तक ने सहदेव से गाने गवाए।
अब यह “काचा बादाम” सबके सर पर चढ़ कर बोल रहा है।
दरअसल “काचा बादाम” धुन के जनक “भुबन बड्याकर” पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कुरालजुरी गांव के रहने वाले हैं। जिनके परिवार में पत्नी, 2 बेटे और एक बेटी हैं. भुबन अब तक मूंगफली बेचकर गुजर-बसर करते रहे थे।
इसी दौरान उन्होंने ग्रामीण ग्राहकों को अपनी ओर खींचने के लिए ‘काचा बादाम’ गीत बनाया था। बता दें कि बंगाल में मूंगफली को बादाम कहते हैं।
बांग्ला में वह टोले-मुहल्ले की महिलाओं से अपील करता है कि अगर आपके पास कोई टूटा-फूटा फोन है, आपके हाथों की टूटी बाला या रोल्ड-गोल्ड की टूटी हुई चेन है, तो आप उसे मुझे दें और बदले में कच्चा बादाम ले जायें। आपको मेरे पास भुना हुआ बादाम नहीं मिलेगा। सिर्फ कच्चा बादाम ही मिलेगा।
इसलिए आइए, आपके पास जो भी टूटा-फूटा फोन, बाली, चेन आदि है, देकर कच्चा बादाम ले जायें।
पूरे सुर में गाने वाले “भुबन” गीत गाते हुए ही एक-एक चीज की कीमत भी बताता है। वह बताता है कि अगर आप मुझे टूटा हुआ मोबाइल देंगे, तो बदले में पांच रुपये पायेंगे। आप टूटा हुआ बाला, टूटी चेन भी दे सकते हैं। बदले में आप बादाम पायेंगे।
सोशल मीडिया पर इस गीत को लाखों लोगों ने पसंद किया है. हर कोई इसे अपने अंदाज में फेसबुक, यूट्यूब, रील्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर परोस रहा है।
‘कच्चा बादाम’ फेम भुबन की 3 महीने में ही पॉपुलैरिटी का आलम यह है कि लोग उनके साथ सेल्फी लेने लगे हैं। अब भुवन सेलेब्रिटी बन गये हैं।