अनुच्छेद-370 को समाप्त हुए एक वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, सरकार मंदिर बनाने में व्यस्त है, लोगों को रोजगार और रोजी रोटी की चिंता है। सरकार से कई मसलों पर लोगों की शिकायतें हैं । धारा 370 के प्रति बहुत से लोगों का मोह बरकरार है। 370 खत्म होने के एक साल बाद स्थानीय लोगों के सामने रोजी रोटी, रोजगार सबसे बड़ा सवाल है। ज्यादातर भर्तियां ठप हैं। स्थानीय कश्मीरियों में काम नही होने की शिकायत आम है। बहुत से लोगों को धारा 370 समाप्त होने से अपने हक में बाहरी दखल की आशंका भी नजर आती है। आदिवासी नीति को लेकर भी बहुत से लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ बड़ी संख्या में माइग्रेंट वर्कर का कश्मीर में दोबारा वापस आना एक अलग भरोसे की कहानी बयान कर रहा है। दावा किया जा रहा है कि कोविड संकट के बावजूद करीब 50 हजार माइग्रेंट वर्कर वापस घाटी में आये हैं।
डल झील पर हाउस बोट के मालिक अब्दुल माजिद का भी दर्द काम को लेकर है। उन्होंने कहा, काम ठप्प पड़ गया है। एक साल पहले 370 समाप्त हुआ तो उसकी वजह से सब बंद था। अब कोविड संकट की वजह से सब कुछ बंद पड़ा है, लॉकडाऊन है। उन्होंने कहा, हम बोट वालों को एक हजार रुपये महीना देने का वायदा किया गया। माजिद कहते हैं, एक हजार रुपये से क्या होगा। इतने में तो बस एक सिलेंडर आता है। हालात ठीक हों पर्यटक आएं तो हमे सियासत से कोई लेना देना नही।