
भारत से लॉन्च हुआ अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट LVM3-M6, अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने LVM3-M6 और अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 के सफल लॉन्च पर अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी। यह मिशन भारत की हेवी-लिफ्ट क्षमता, गगनयान मिशन और वैश्विक कमर्शियल लॉन्च बाजार में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
नई दिल्ली | 24 दिसंबर 2025
भारत की अंतरिक्ष यात्रा ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने LVM3-M6 मिशन और अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को हार्दिक बधाई दी है। यह सैटेलाइट भारतीय धरती से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी उपग्रह बताया जा रहा है, जिसे तय कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PIB) दिल्ली द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, यह उपलब्धि भारत की हेवी-लिफ्ट लॉन्च क्षमता को नई ऊंचाई प्रदान करती है और अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूत करती है। LVM3-M6 मिशन की सफलता न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से अहम है, बल्कि यह भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती साख को भी दर्शाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत के विजन का सशक्त उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि LVM3-M6 के भरोसेमंद हेवी-लिफ्ट परफॉर्मेंस के कारण भारत भविष्य के महत्वाकांक्षी अभियानों के लिए मजबूत नींव तैयार कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि LVM3-M6 का सफल लॉन्च भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस मिशन ने न केवल अमेरिका के स्पेसक्राफ्ट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 को उसकी तय ऑर्बिट में पहुंचाया, बल्कि वैश्विक कमर्शियल लॉन्च बाजार में भारत की भूमिका को भी और सशक्त किया है।
श्री मोदी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि LVM3-M6 यह सफलता गगनयान जैसे भविष्य के मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल अपने वैज्ञानिक मिशनों तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और व्यावसायिक लॉन्च सेवाओं में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की ऊर्जा और नवाचार की बदौलत भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम पहले से अधिक उन्नत और प्रभावशाली होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई क्षमता और आत्मनिर्भरता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी।
अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि LVM3-M6 की सफलता भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में खड़ा करती है, जो भारी उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च करने की क्षमता रखते हैं। इससे न केवल ISRO की तकनीकी विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि भारत के लिए नए व्यावसायिक अवसर भी खुलेंगे।
कुल मिलाकर, LVM3-M6 और ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 का सफल प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक निर्णायक अध्याय जोड़ता है। यह मिशन दर्शाता है कि भारत अब अंतरिक्ष की दुनिया में केवल भागीदार नहीं, बल्कि एक मजबूत और भरोसेमंद नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है।
