1932 Khatiyan : झारखंड विधानसभा में 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता बिल को पास कराने पर सवाल उठाते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की विफलता को छिपाने के लिए 1932 के खतियान को स्थानीयता का आधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
सोमवार की शाम धनबाद पहुंचे बाबूलाल मरांडी ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरे हो चुके हैं।
विकास की बात हो या फिर विधि व्यवस्था की, तीन साल में सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। खनन माफिया सरकार चला रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से कुछ हद तक माफियाओं पर अंकुश लगा है।
ईडी की जांच और कार्रवाई से अपने आपको घिरते देख सीएम हेमंत सोरेन खुद जेल जाने की आशंका जता रहे हैं।
बातचीत के दौरान धनबाद विधायक राज सिन्हा, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, महानगर के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, सत्येंद्र कुमार, सिंदरी विधायक की पत्नी तारा देवी, संजय झा, नितिन भट्ट, मानस प्रसून, चंद्रशेखर मुन्ना, पंकज सिन्हा, अनिल शर्मा, जीतेंद्र आदि मौजूद थे