- आजसू प्रत्याशी के समर्थन में पूर्व सीएम रघुवर दास ने चलाया अभियान, अल्पसंख्यक महिला से मांग रहे वोट।
- कभी सुदेश ने कहा था कि रघुवर दास सरकार गठबंधन को इस घमंड में नहीं रहना चाहिए कि उसने जो सोच लिया या फिर जो बोल दिया, वही सच है।
रांची: डुमरी उपचुनाव में आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी की जीत को आजसू से अधिक प्रदेश भाजपा ने अपनी प्रतिष्ठा बना लिया है। इसके लिए भाजपा के तीन मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को डुमरी में जनसंपर्क अभियान चलाया। अभियान में वे डुमरी की जनता को कई तरह से भ्रम में रखने का काम कर रहे हैं। इस भ्रम का हिस्सा है रघुवर दास की कार्यशैली। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को डुमरी की जनता से आजसू प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगा। लेकिन वे जिस वर्ग से वोट मांग रहे हैं, कभी वही वर्ग इनके प्रशासन में काफी पीड़ित था। इस वर्ग में अल्पसंख्यक वर्ग (मुसलमान) सबसे ज्यादा प्रभावित थे। उसी तरह रघुवर दास जिस पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में पक्ष में वोट मांग रहे हैं, उसका कोप भाजन वह पार्टी भोग चुकी है। तभी तो आजसू सुप्रीमो ने कभी कहा था कि रघुवर दास सरकार गठबंधन को इस घमंड में नहीं रहना चाहिए कि उसने जो सोच लिया या फिर जो बोल दिया, वही सच है।
अल्पसंख्यक महिला से वोट मांगने में शर्म नहीं।
डुमरी उपचुनाव को लेकर जनसंपर्क अभियान चलाते हुए रघुवर दास ने अल्पसंख्यक मेला से आजसू पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांग रहे हैं।रघुवर दास को यह जरूर सोचना चाहिए कि जिस महिला से वे वोट मांग रहे हैं, कभी उस महिला का वर्ग मॉब लिंचिंग को लेकर परेशान था। 2014-2019 तक वर्ग की महिलाओं का कहना है कि उनका पुलिस से मोहभंग हो गया है। राज्य में केवल मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाकर पीट-पीटकर हत्या की बढ़ती घटनाओं से डरे हुए हैं। ये दुर्घटनाएं नहीं हैं बल्कि प्रशासन द्वारा समर्थित कुछ समूहों का जानबूझकर किया गया कृत्य है। सरकार गौरक्षकों के साथ मिली हुई है। 100 लोगों की भीड़ ने व्यापारी अलीमुद्दीन, जिन्हें असगर अली के नाम से भी जाना जाता है, की पिटाई की और उनकी कार को इस संदेह में आग लगा दी कि वह गोमांस ले जा रहे थे। इसी तरह गिरिडीह में एक गाय का शव पाए जाने के बाद 200 लोगों की भीड़ ने 55 वर्षीय मुस्लिम डेयरी मालिक की पिटाई की और उनके घर में आग लगा दी थी।
घमंड ने आजसू को गठबंधन से बाहर किया, तब सुदेश ने दिया था कड़ा बयान।
आज रघुवर दास भले आजसू प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें यह भी नहीं बोलना चाहिए कि उनके घमंड से ही आजसू ने भाजपा के साथ गठबंधन से बाहर होने का मन बनाया था। सिल्ली सीट पर जेएमएम प्रत्याशी सीमा महतो की जीत और अपनी हार पर सुदेश महतो ने मुख्यमंत्री रघुवर दास सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के साथ मौजूदा गठबंधन पर विचार करेंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन टूटा।
डुमरी सीट से दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ी, उसे समय झामुमो विजय हुई। आजसू ने भाजपा से काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।
जिसके साथ रघुवर वोट मांग रहे हैं, उसके खिलाफ भी जहर उगलने में वे पीछे नहीं रहे थे।
जिस भाजपा चुनाव प्रचारक के साथ रघुवर दास जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं, उसके खिलाफ भी जहर उगलने में वे पीछे नहीं रहे थे। हम बात कर रहे हैं बाबूलाल मरांडी की। रघुवर ने कहा था कि बाबूलाल को तो उनके क्षेत्र की जनता नेता नहीं मानती। वहीं बाबूलाल ने भी कहा था कि रघुवर दास सरकार बेदाग नहीं है। उसके दामन पर कई ऐसे दाग हैं, जो कभी नहीं धुलेंगे। उन्होंने सारंडा में आयरन ओर का उत्खनन कर रही शाह ब्रदर्स का हवाला दिया। आरोप लगाया कि कंपनी ने अवैध तरीके से 39 लाख टन आयरन ओर का उत्खनन किया। खुद सीएम रघुवर दास जेवीएम के कंधी छाप से जीते छह विधायकों को रुपये और पद का लालच देकर खरीदा। पाकुड़ में कोयला उत्खनन के लिए गलत ढंग से जमीन कोल कंपनी को दे दिया। लेकिन उसकी जांच आज तक नहीं हुई।