रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन (Champai Soren
अपने इस्तीफे में, चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष को लिखे पत्र में पार्टी के मूल उद्देश्यों से भटकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी का सपना लेकर वे आगे बढ़े थे, वह अब उन आदिवासी, दलित, और पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है, जिनके लिए यह बनाई गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के भीतर अब ऐसी कोई जगह नहीं बची है जहां वे अपनी मन की पीड़ा को व्यक्त कर सकें।
सोरेन ने अपने इस्तीफे का मुख्य कारण पार्टी के भीतर की अनुशासनहीनता और नेतृत्व की कमी को बताया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “आपके मार्गदर्शन में, झारखंड आंदोलन के दौरान और उसके बाद भी, मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। आप सदैव मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे।” उनके शब्दों से साफ जाहिर है कि वह पार्टी के वर्तमान नेतृत्व से काफी निराश हैं।
चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका संघर्ष झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों के मुद्दों को लेकर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह सक्रिय राजनीति से दूर रहकर भी झारखंड के लोगों के हितों के लिए काम करते रहेंगे। यह बयान यह दर्शाता है कि सोरेन जनता के मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखेंगे, चाहे वह किसी भी राजनीतिक मंच पर हों या नहीं।