

Chhath Puja : छठ महापर्व के तीसरे दिन सोमवार को श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। शहर से लेकर गांवों तक आस्था की लहर उमड़ पड़ी, जब व्रतधारिणियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया। अरगाघाट, दीनदयाल छठ घाट, सिहोडीह, शिव शक्ति घाट, बरगंडा आमघाट, शास्त्री नगर, प्रोफेसर कॉलोनी और अन्य घाटों पर हजारों श्रद्धालु सूर्य देव की आराधना में लीन दिखाई दिए। हर घाट पर दूध और जल से अर्घ्य अर्पण करते समय “छठ मइया की जय” के जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। घाटों की साफ-सफाई, विद्युत साज-सज्जा और सांस्कृतिक सजावट ने उत्सव का माहौल और भी भव्य बना दिया। व्रतियों के कपड़े बदलने और पूजा व्यवस्था के लिए स्थानीय पूजा समितियों ने विशेष इंतज़ाम किए थे।
यह पवित्र पर्व शनिवार को ‘नहाय-खाय’ से आरंभ होकर रविवार के ‘खरना’ तक श्रद्धा की डोर में बंधा रहा। खरना के प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतधारियों ने 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू किया, जो आज डूबते सूर्य को अर्घ्य देने तक जारी रहा। घाटों पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भीड़ उमड़ी रही। महिलाएँ परंपरागत वस्त्रों में सजीं और पुरुष पूजा सामग्री लेकर सहयोग करते नजर आए। मंगलवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा। इस अवसर पर प्रशासन और स्थानीय समितियों की व्यवस्था ने भक्तों की श्रद्धा में चार चाँद लगा दिए।




