
Delhi News : दिल्ली के रामलीला मैदान में आज का दृश्य भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक अहम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया। झारखंड ही नहीं, देश के कोने-कोने से लाखों लोग राजधानी पहुंचे और “वोट चोर, गद्दी छोड़ो” के नारों के साथ अपना आक्रोश जाहिर किया। यह केवल भीड़ नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन था, जो साफ संकेत दे रहा था कि जनता अब चुप नहीं बैठेगी। रामलीला मैदान से उठी आवाज़ ने पूरी दिल्ली को झकझोर दिया और सत्ता के गलियारों तक यह संदेश पहुंचाया कि लोकतंत्र से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस विशाल जनसमर्थन के केंद्र में Rahul Gandhi रहे, जिनके नाम पर लोगों का भरोसा और उम्मीद दोनों झलक रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मौजूदा केंद्र सरकार ने विकास के वादों को पीछे छोड़ दिया है और धर्म के नाम पर देश को बांटने की राजनीति की है। जनता की भावनाओं को नजरअंदाज कर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया गया है। इसी के विरोध में आज सड़कों पर उतरा हिंदुस्तान यह कह रहा है कि उसे सत्ता नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा चाहिए।
सभा को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के मंत्री इरफ़ान अंसारी ने कहा कि यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति या पार्टी की नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आज देशवासी सचेत नहीं हुए तो आने वाला कल और भी भयावह हो सकता है। लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए युवाओं को आगे आना होगा और तानाशाही के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करनी होगी। रामलीला मैदान से उठी यह हुंकार अब पूरे देश में लोकतंत्र की लड़ाई को नई दिशा दे रही है।
