

मुख्यमंत्री Hemant Soren एक बार फिर प्रवासी कामगारों के मसीहा बनकर सामने आए हैं। उनकी त्वरित पहल और मानवीय संवेदनशीलता के चलते अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 कामगार अब सुरक्षित रूप से अपने वतन लौट आए हैं। तीन महीनों से वेतन और भोजन की समस्या झेल रहे इन कामगारों की मदद के लिए मुख्यमंत्री Hemant Soren ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए। इस पहल से न केवल उनके परिवारों में खुशी लौट आई, बल्कि मुख्यमंत्री की जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता का भी परिचय मिला।
जैसे ही मुख्यमंत्री को कामगारों की परेशानी की जानकारी मिली, उन्होंने श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग को सक्रिय किया। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने भारतीय दूतावास और एजेंसियों के सहयोग से पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। सभी कामगार हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों के निवासी थे, जो पीसीएल प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड में कार्यरत थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने न केवल उनकी वापसी सुनिश्चित की, बल्कि उनके पुनर्वास और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल भी शुरू की है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि झारखंड का हर श्रमिक राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, चाहे वह देश में हो या विदेश में। ट्यूनीशिया में फंसे इन कामगारों की सुरक्षित वापसी सरकार की संवेदनशीलता, कुशल प्रबंधन और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह घटना दर्शाती है कि झारखंड सरकार अपने नागरिकों के साथ हर परिस्थिति में मजबूती से खड़ी है और जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद के लिए तैयार है।




