
कोडरमा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ लालच और स्वार्थ ने खून के रिश्ते को भी कलंकित कर दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा की अदालत ने नवलशाही थाना कांड संख्या 06/2024 के तहत सुनवाई करते हुए एक कलयुगी पुत्र समसुल अंसारी समेत तीन आरोपियों—असगर अंसारी (नीमाडीह पंचायत उपप्रमुख) और द्वारिका तुरी—को दोषी ठहराया और भा.द.वि. की धारा 302 व 120बी के तहत आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने सभी पर 30-30 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया। मामला 5 फरवरी 2024 का है, जब समसुल अंसारी ने अपने पिता सकुर मियां की हत्या के लिए असगर अंसारी और द्वारिका तुरी को सुपारी दी थी। योजना के तहत पिता को दगरणवां पंचायत स्थित होरगवा घाट जंगल में ले जाया गया, जहाँ टांगी से वार कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।
सुनवाई के दौरान प्रभारी लोक अभियोजक शिवशंकर राम और अधिवक्ता ऋतम कुमारी ने अदालत में ठोस सबूतों और गवाहों के आधार पर तीनों अभियुक्तों को सख्त सजा देने की मांग की। वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनवर हुसैन ने दलीलें पेश कीं, लेकिन अदालत ने इस जघन्य अपराध को समाज के लिए गंभीर खतरा मानते हुए दोषियों को उम्रकैद की सजा दी। लोक अभियोजक शिवशंकर राम ने कहा कि यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए न्याय का संदेश है और ऐसे मामलों में अदालत का यह कड़ा रुख समाज में अपराधियों के लिए सबक बनेगा।
