Happy Holi 2023: रांची में शुभ मुहुर्त में होलिका दहन हुआ lभारतीय सनातन पद्धति और हिंदू पंचांग के अनुसार, संबद्ध फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का ये पर्व मनाया जाता है। इससे जुड़ी प्राचीन कथा के अनुसार नारायण भक्त प्रह्लाद को उनके पिता पाप करते थे जिसके कारण उनका नारायण भक्त होना था। बड़े उपाय के बाद भी जब भक्त प्रह्लाद के प्राण कोई नहीं हर सका तब राजा हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से सहायता मांगी।
होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे आग नहीं जला सकती और इस वरदान का होलिका ने नारायण भक्त प्रह्लाद के प्राण लेने के लिए उपयोग किया जिसके कारण उसका वरदान निष्फल हो गया और अग्नि से प्रह्लाद की रक्षा स्वयं नारायण ने की और उस आग में होलिका जलकर भस्म हो गई। इस कहानी से समाज को ये प्रेरणा मिलती है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली हो अच्छी से बहुत छोटी होती है। और इसी प्रसंग को स्मरण कर सनातन काल से होलिका दहन की परंपरा छोड़ आ रही है।
Happy Holika Dahan 2023:शांतिपूर्ण तरीके से मना होलिका दहन
आज राजधानी के लगभग हर चौक पर सुबह 4 बजे होलिका दहन किया गया। लोगों ने अपनी तरह की परंपरा का पालन करते हुए किसी ने स्ट्रेट चने की बलिया इस आग में भून कर बे तो किसी ने पुए कचरी का भोग लगाया। इस प्रकार शांति व भाईचारे के साथ होलिका दहन संपन्न हुआ। जैसा कि हम सभी जाने वाले होलिका के दहन के अगले दिन होली खेलते हैं। इस साल पूर्णिमा दो दिन होती है, जिसके कारण कई जगहों पर होलिका दहन मंगलवार को सुबह हो जाता है। वहीं, कई जगहों पर आज मंगलवार की शाम को होगी।
Happy Holika Dahan 2023:दो दिन होलिका दहन के कारण लोग हो रहे परेशान :
होलिका की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि की तो पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। कई जगहों पर 6 को तो कई जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जा रहा है. होलिका दहन का मुहूर्त वस्तु तीन चीजों पर समाप्त कर देता है। पूर्णिमा तिथि, प्रदोष काल और भद्रा न हो। ऐसा बहुत कम होता है कि होलिका दहन इन तिकड़ी चीजों के साथ होने पर हो।
लेकिन पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का होना बहुत जरूरी है। पूर्णिमा के दिन पुच्छ काल में अर्थात भद्रा के अंतिम समय में होलिका दहन करना शुभ माना जाता है। वहीं होलिका दहन के अगले दिन होलिका दहन के माथे में लगाने के साथ पूरे शरीर में धधक उठती है। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के रोग के दोष से छुटकारा मिलेगा।
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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। हिंदू धर्म के अनुसार होलिका का पौराणिक और धार्मिक महत्व दोनों ही है। क्योंकि होलिका दहन बुराई पर अच्छी जीत की प्रतिष्ठा है।
इसके साथ ही इस दिन होलिका दहन की विधिवत पूजा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इसलिए ही नहीं देते इसके साथ ही बसंत ऋतु का स्वागत करते हुए अग्नि देवता को धन्यवाद देते हैं। नियत तिथि फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
Story by -Divya Kumari