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झारखंड में बिजली की जो समस्या भाजपा ने बनायी उसे हेमंत सरकार कर रही खत्म, सोलर और हाइड्रोजन ऊर्जा पर जोर तो ट्रांसमिशन लाइन और प्लांट का भी उद्घाटन

झारखंड में बिजली की जो समस्या भाजपा ने बनायी उसे हेमंत सरकार कर रही खत्म, सोलर और हाइड्रोजन ऊर्जा पर जोर तो ट्रांसमिशन लाइन और प्लांट का भी उद्घाटन 1

Jharkhand Ranchi: हेमंत सोरेन सरकार का लक्ष्य झारखंड राज्य को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का है। इस लक्ष्य को लेकर पिछले तीन सालों से सोरेन सरकार एक बेहतर योजना पर काम कर रही है। ऐसे कामों में सबसे प्रमुख पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के गलती के कारण दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की गलती को सुधार करना शामिल है। इस साल के अंत तक धनबाद और बोकारो में भी ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन शुरू करने की तैयारी है। इससे डीवीसी पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। कई जिलों में ट्रांसमिशन लाइन और प्लांट का उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री का पूरा जोर सोलर प्लांट और हाइड्रोजन ऊर्जा पर भी है। झारखंड देश का पहला राज्य बना है जहां हाइड्रोजन ईंधन उद्योग लगाया जाना है।

पतरातू में बिजली उत्पादन की तैयारी पूरी, 2024 में पहली यूनिट होगा शुरू।

राज्य सरकार की कोशिश के बाद पतरातू में बिजली उत्पादन की तैयारी पूरी हो गयी है। बिजली विभाग के मुताबिक 2024 में पहली यूनिट शुरू करने की तैयारी है। बीते शुक्रवार को झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल) और एसएलडीसी ने मिलकर 400 केवी का तेनुघाट जीआईएस (गैस इंस्यूलेटेड सबस्टेशन) तैयार कर लिया है। इससे पतरातू थर्मल पावर प्लांट को बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए 400 केवी वोल्ट पर बिजली दी जा सकेगी।

डीवीसी पर निर्भरता कम करने की एक बड़ी पहल नवबंर 2022 तक होगी पूरी, धनबाद और बोकारो में ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन होगा शुरू।

इस साल नवंबर के अंत तक डीवीसी पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक बड़ी पहल होगी। दरअसल राज्य उर्जा संचरण निगम की ओर से धनबाद और बोकारो में भी ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन शुरू कर दिया जायेगा। काम अंतिम चरण में है। इससे इस क्षेत्र में डीवीसी निर्भरता कम हो जायेगी। इस लाइन से करीब 200 मेगावाट तक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। बता दें कि जेबीवीएनएल सात जिलों (धनबाद, बोकारो, रामगढ़, चतरा, गिरिडीह, कोडरमा और हजारीबाग) के लिए प्रति दिन लगभग 600 मेगावाट बिजली डीवीसी से ले रहा है। इस क्षेत्र में झारखंड सरकार का ट्रांसमिशन लाइन बनने से जेबीवीएनएल की डीवीसी पर 200 मेगावाट तक की निर्भरता कम होगी।

संथाल और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल पर बिजली उत्पादन पर विशेष जोर।

राज्य सरकार का विशेष जोर संथाल परगना और उत्तरी छोटानागपुर में बिजली उत्पादन पर है। इसे लेकर अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छह महत्वपूर्ण ग्रिड-सबस्टेशन ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन किया। इन लाईन के चालू होने से गिरिडीह जिले में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता खत्म होगी। जिन लाइनों का सीएम ने उद्घाटन किया, उसमें शामिल हैं…

  • 220/ 132 केवी ग्रिड सब स्टेशन, भागोडीह, गढ़वा एवं 220 केवी डाल्टेनगंज -गढ़वा संचरण लाईन
  • 220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, जसीडीह एवं 220 केवी दुमका-जसीडीह संचरण लाईन
  • 220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, गिरिडीह एवं 220 केवी जसीडीह-गिरिडीह संचरण लाईन
  • 220 केवी दुमका-गोड्डा संचरण लाईन
  • 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, जमुआ, गिरिडीह एवं 132 केवी गिरिडीह- जमुआ संचरण लाईन
  • 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन, सरिया एवं 132 केवी गिरिडीह- सरिया संचरण लाईन
    इससे पहले सीएम ने अक्टूबर 2020 को इटखोरी में नवनिर्मित ग्रिड सब स्टेशन एवं चतरा-लातेहार ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन किया। ईटखोरी, चतरा में नवनिर्मित 220 /132/ 33 केवी ग्रिड की कुल क्षमता 400 मेगावाट है, जबकि चतरा- लातेहार ट्रांसमिशन लाइन की 220 केवी।

भविष्य को ध्यान में रखकर सौर और हाइड्रोजन ऊर्जा पर भी हेमंत सरकार का विशेष जोर।

भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विशेष जोर सौर ऊर्जा और हाइड्रोजन ऊर्जा पर भी है। राज्य सरकार द्वारा नई सौर ऊर्जा नीति लांच की गयी है। सोलर प्लांट के लिए राज्य सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी देती है। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां हाइड्रोजन ईंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य में देश का पहला देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन उद्योग लगाया जाएगा। सीएम हेमंत सोरेन की उपस्थित में जुलाई 2023 को राज्य सरकार के उद्योग विभाग, टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी साॅल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुका है।

झारखंड एक ग्रामीण बहुल राज्य है। राज्य चाहे जितना तरक्की कर ले, लेकिन जब तक गांव सशक्त नहीं होगा तब तक विकास अधूरा ही रहेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं। इस सोच को लेकर राज्य सरकार वैसी योजनाओं को लेकर आयी है, जिससे राज्य कर्मियों के अंदर काम का भाव जग सके। मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि सभी कर्मी ईमानदारी से काम करें, उनके कामों का राज्य सरकार पूरा सम्मान करेगी। ऐसी योजनाओं में पंचायत सचिव कर्मियों को विदेश दौरा करना, ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत दर्शन पर भेजने की पहल और मुख्यमंत्री उत्कृष्ट पंचायत प्रोत्साहन योजना शामिल हैं।

हर साल 5 पंचायत सचिव परिवार संग कर सकेंगे विदेश यात्रा।

झारखंड में पहली बार कोई सरकार कर्मियों को विदेशों का दौरा कराने का फैसला कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है कि इस वित्तीय वर्ष (2023-24) से हर साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले पांच पंचायत सचिवों को उनके परिवार के साथ विदेश दौरे पर ले जाया जाएगा। हेमंत सोरेन के मुताबिक सचिवों के बीच अपनी पंचायतों को पांच ‘आदर्श (मॉडल) पंचायतों’ में बनाने और विदेश यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना प्रदान करेगा। सीएम की कर्मियों से उम्मीद भी है कि वे पूरी ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और राज्य को गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन के चक्र से बाहर निकालने के लिए काम करेंगे।

भारत दर्शन की पहल : इससे अधिकारियों को जो अनुभव होगा उससे राज्य का विकास और बेहतर तरीके से होगा।

झारखंड प्रशासनिक सेवा के वैसे नवनियुक्त प्रशासनिक अधिकारी जो शुरूआत के कई सालों तक गांवों तक अपनी सेवा देंगे, उन्हें हेमंत सोरेन सरकार भारत दर्शन करा रही है। सभी अधिकारी देश के अन्य राज्यों में हुए विकास कामों को समझेंगे जिसका उपयोग वे गांवों के विकास में करेंगे। झारखंड लोक सेवा आयोग की 7वीं से 10वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा से नियुक्त 43 प्रशिक्षु पदाधिकारी 1 सितंबर से 30 सितंबर तक भारत दर्शन भ्रमण में थे। मुख्यमंत्री का मानना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अफसरों की तरह ही राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी भारत दर्शन कराया जाना चाहिए, ताकि वे अन्य प्रदेशों की प्रशासनिक व्यवस्था और विकास कार्यों को देखें और समझें और उसे झारखंड के ग्रामीण इलाकों में लागू करें। भारत दर्शन के दौरान उन्हें जो अनुभव प्राप्त होगा, उससे राज्य के विकास में और भी बेहतर तरीके से योगदान कर सकेंगे।

ग्राम सभाओं के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्ट पंचायत प्रोत्साहन योजना।

हेमंत सरकार ने फैसला लिया है कि विभिन्न स्तरों पर पंचायतों को अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री उत्कृष्ट पंचायत प्रोत्साहन योजना लेकर आयी है। योजना के आने से ग्राम सभाओं के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी। योजना के तहत यह पुरस्कार पंचायत स्तर, प्रखंड स्तर और जिला स्तर पर दिया जाएगा। तीनों स्तर पर पुरस्कार की राशि अलग-अलग है। उत्कृष्ट पंचायत पुरस्कार योजना के तहत हर जिले में एक पंचायत को दस लाख रुपये दिया जाएगा। योजना के तहत.
24 ग्राम पंचायतों को दस लाख रुपये प्रति गांव दिया जाएगा।
पांच प्रखंड पंचायतों को 15-15 लाख रुपये दिए जाएंगे।
दो जिलास्तर के पंचायतों को 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
48 ग्राम सभा को चार-चार लाख रुपए उत्कृष्ट कार्य के लिए दिए जाएंगे।

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झारखंड में बिजली की जो समस्या भाजपा ने बनायी उसे हेमंत सरकार कर रही खत्म, सोलर और हाइड्रोजन ऊर्जा पर जोर तो ट्रांसमिशन लाइन और प्लांट का भी उद्घाटन 3