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HEMANT SOREN : ईडी ने बताया हाई कोर्ट नहीं ले सकता संज्ञान, क्या सीएम जायेंगे सुप्रीम कोर्ट

Bharti Warish

HEMANT SOREN : जमीन फर्जीवाड़ा मामले में ईडी के समन के खिलाफ चुनौती वाली याचिका को झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सीएम द्वारा ईडी की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट की ओर से सीएम की याचिका के खारिज होने के बाद पक्ष और विपक्ष के नेताओं की इसपर प्रतिक्रिया सामने आई है।

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी आप कितने भी दरवाजे खटखटा ले, लेकिन अंतत आपको ED के दरवाजे ही जाना होगा। आप सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) गए. आज हाईकोर्ट ने भी आपकी याचिका को खारिज दी। कहीं से आपको कोई रिलीफ नहीं मिली। उन्होंने कहा कि आप ED के समन के खिलाफ जिस तरीके से आप भागते दिख रहे है। उससे जनता के बीच यह स्पष्ट मैसेज जा रहा है कि राज्य में जो 70,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। उसके तार सीधे तौर पर आपसे जुड़े हुए हैं।

अभी भी समय है ED को फेस कीजिए और महंगे वकीलों पर पैसा खर्च करना बंद कीजिए. दुनिया की कोई एजेंसी निर्दोष व्यक्ति को फंसा नहीं सकती है। लेकिन आप जिनता भागते हुए दिखेंगे. उतना यह स्पष्ट मैसेज है कि सारा घपला-घोटाला कहीं ना कहीं आपके सरकार के आपके संरक्षण में हुआ है। तो मुख्यमंत्री जी अब ईडी के समन का सम्मान कीजिए और ईडी के सामने पेश होइए।

संवैधानिक संस्थाओं के साथ अब कोर्ट को भी डिक्टेट करने लगी है BJP- JMM

जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के साथ-साथ बीजेपी अब कोर्ट को भी डिक्टेट करने लगी है। राजनीतिक दल का जो काम है उन्हें वह करना चाहिए। हाई कोर्ट से मुख्यमंत्री की याचिका खारिज होने के बाद हम लोग कानून के विद्वानों की राय ले रहे हैं मुख्यमंत्री की लीगल टीम सारी चीजों को देख रही है मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट मूव करेंगे या नहीं यह उनकी लीगल टीम निर्णय लेगी।

हम निराश नहीं हैं हमें देश की सर्वोच्च अदालत से भरोसा- JMM

ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका के खारिज होने पर JMM के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि हम निराश नहीं हैं हमें देश की सर्वोच्च अदालत से भरोसा है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लीगल टीम सारी चीजों को देख रही है। खुद मुख्यमंत्री इन चीजों को मॉनिटर कर रहे हैं वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति के अखाड़े में हार मान चुकी बीजेपी एक दो समन और हाईकोर्ट से हमें मिले प्रतिकूल फैसले से भले ही थोड़ी देर के लिए खुश हो जाए पर आने वाले 20 सालों तक झारखंड में BJP के लिए कोई राजनीतिक वैकेंसी खाली नहीं है।

बीजेपी शासित राज्यों में ही ED की कार्रवाई क्यों- कांग्रेस

इधर, झारखंड राज्य के गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि सिर्फ और सिर्फ विपक्ष के नेताओं और गैर बीजेपी शासित राज्यों में ही ED की कार्रवाई क्यों? उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हम पहले ही सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं. हम कानून विदो की राय ले रहे हैं अगर फिर से हमें लगेगा कि हमें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए तो हम जाएंगे। हमें ED और सीबीआई से डर नहीं लगता, हमें उनकी मनसा से डर लगता है. लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि. कौन सही, कौन गलत इसका फैसला आखिरकार जनता की अदालत में ही होना है।