HEMANT SOREN : झारखंड के लाखों किसान इन दिनों काफी राहत महसूस कर रहे हैं. आखिर करें भी क्यों नहीं. सुखाड़ का सामना कर रहे किसानों को राहत देने के लिए हेमंत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. कृषि और किसानों के हित में हेमंत सरकार द्वारा उठाया यह कोई पहला कदम नहीं है. इससे पहले कृषि ऋण माफी, दुधारू पशुओं के पालन में सब्सिडी में संशोधन, पशुओं के भरण पोषण के लिए आर्थिक मदद, भूमिहीन किसानों को राहत देने की पहल हुई है।
गंदी मानसिकता और छलकपट की राजनीति में माहिर भाजपा नेताओं को शायद यह पहल नहीं दिखती. आए दिन हेमंत सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते रहते हैं. बीते दिनों भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कुछ ऐसा ही आरोप लगाया. ऐसे में किसानों के हित में उठाए गए उपरोक्त सभी कदम एक तरह से कृषि और किसानों को लेकर भाजपा नेताओं के आरोपों का जवाब है.
- पहले किसानों का कर्ज माफी और अब सुखाड़ पर 1200 करोड़ रुपए का खर्च करेगी हेमंत सरकार
- 31 मार्च 2022 तक 3.83,102 किसानों के 1529.01 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए गये, यह आंकड़ा अबतक 1800 करोड़ पहुंचा.
- दुधारू पशुओं के पालन में महिलाओं (कई तरह के संकट का सामना कर रही महिला) को बड़ी राहत, पशुधन विकास योजना में किया संसोधन.
- पशुओं के लिए भरण पोषण की राशि को 9000 से बढ़ाकर किया 36,000 रुपए प्रति वर्ष.
- झारखंड में वैसे किसान जो भूमिहीन किसान है, उसे सरकारी जमीन पर खेती करने का अधिकार मिलेगा.
महाआस्था के पर्व छठ पूजा के दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन की एक बैठक बुलायी. बैठक में जहां 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया. वहीं, निर्णय हुआ कि सुखाड़ प्रभावित किसान परिवारों को सरकार प्राथमिकता के आधार पर त्वरित ही 3500 रुपये प्रति परिवार अग्रिम सूखा राहत राशि देगी।
इसके लिए सरकार कुल 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार के इस प्रयास से 30 लाख से अधिक सुखाड़ प्रभावित किसान परिवारों के जीवन यापन में मदद मिलेगी. सुखाड़ को लेकर कोई कदम नहीं उठाने का प्रदेश भाजपा नेता आरोप लगा रहे थे. जबकि हकीकत यही है कि हेमंत सरकार स्थिति का सही आकलन कर रही थी.
हेमंत सरकार के तीन साल के कार्यकाल के राज्य के किसान खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उनके लिए सरकार समृद्धि का दरवाजा लगातार खुल रही है. सुखाड़ से पहले सरकार ने लाखों किसानों के ऋण माफी की दिशा में कदम उठाया है. झारखंड कृषि ऋण माफी योजना ऐसा ही एक कदम है. कृषि विभाग के मुताबिक सरकार प्रतिदिन 906 किसानों को योजना का लाभ दे रही है. प्रतिदिन 3.34 करोड़ रुपये का ऋण माफ हो रहा है.
• आकंड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2022 तक 3.83,102 किसानों के 1529.01 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए गए.
• वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,22,238 लोगों को योजना का लाभ मिला. इस वित्तीय वर्ष में कुल 494.96 करोड़ बांट गए.
• वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,60, 864 किसान योजना से लाभान्वित हुए. इस वित्तीय वर्ष में 1034.05 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ.
• 2022-23 के अभी तक की जानकारी के मुताबिक यह आकंड़ा करीब 1800 करोड़ तक पहुंच चुका है।
ग्रामीण गरीब आबादी जिसमें किसान शामिल हैं, को राहत देने के लिए हेमंत सरकार मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना चला रही है. योजना से पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत लाभुकों को पशुधन पालन के लिए सरकार अनुदान देती है।
दी जाने वाले अनुदान में संशोधन किया गया है. सरकार अब आपदा, आगलगी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, छोड़ी हुई (परित्यक्त) और दिव्यांग महिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस देगी. पहले यह अनुदान 50 प्रतिशत तक का था. इसके अलावा कई अन्य पशुओं के पालन में भी दी जाने वाले सहायता अनुदान राशि में संशोधन हुआ है।
राज्य के सभी गौशालाओं को सुदृढ़ एवं मजबूत करने के लिए पशुओं के भरण-पोषण के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि में सरकार ने बदलाव किया है. अब प्रति वर्ष अधिकतम 36000 रुपए राशि दी जाएगी. पहले यह राशि प्रति वर्ष अधिकतम 9000 था. दुर्घटना में घायल पशुओं को उचित इलाज के लिए सरकार ने 10 गौशाला को रेस्क्यू वाहन दिया गया है.
‘आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर बीते दिनों खूंटी के कर्रा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार अब खुद की जमीन नहीं होने वाले भूमिहीन किसानों को सरकारी जमीन पर खेती करने का अधिकार देगी. किसान जब तक सरकारी जमीन पर खेती करेंगे, तब तक वे उस भूमि पर हुए उपज के मालिक खुद होंगे.