रांची : झारखंड का ग्रामीण क्षेत्र आज भी विकास से कोसो दूर है. यहां रहने वाले लोगों में जागरूकता की काफी कमी है. इसका कारण लोगों तक शिक्षा और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाना है. अभाव में आज भी ग्रामीण इलाकों के लोग सरकार की मुहैया कराई जानेवाली कई सुविधाओं से वंचित हैं. इस समस्या को दूर करने की दिशा में पिछले तीन सालों से हेमंत सोरेन सरकार काम कर रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का लक्ष्य है कि प्रखंड स्तर से सरकार की चलाई जा रही योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. वे चाहते हैं कि सरकार द्वारा चलायी जा रही अधिक योजनाओं का लाभ आम नागरिकों को मिले. उन्हें सही शिक्षा मिले. इस दिशा में अब हेमंत सरकार प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोलने की दिशा में काम कर रही है. शुक्रवार को चाईबासा के गोइलकेरा में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर पहुंचे मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि वर्तमान सरकार हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज खुलेगी, बस थोड़ा समय दीजिए. डिग्री कॉलेज खोलने के अलावा मुख्यमंत्री विकास कामों में तेजी लाने के लिए प्रखंडों में आवासीय भवन भी बनाएगी.
डिग्री कॉलेज खोलने का सीधे इन्हें मिलेगा फायदा:
झारखंड बनने के बाद से राज्य में आदिवासी, आदिम जनजाति, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों की ओर किसी भी सरकार ने डिग्री कॉलेज खोलने की पहल नहीं की. हेमंत सरकार ने राज्य की जनता से वादा किया था कि झामुमो की सरकार बनने पर कई जिलों के प्रखंडो में डिग्री कॉलेज का निर्माण किया जाएगा. डिग्री कॉलेज खोलने से निम्न फायदा होगा.
•प्रखंड के हजारों छात्र-छात्राओं को मुख्य रूप से लाभ होगा.
•संसाधन के अभाव में वैसे परिवार के छात्र जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह रहे थे, उन्हें अब कोई परेशानी नहीं होगी.
•कॉलेज निर्माण शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा.
रंका में डिग्री कॉलेज खोलने की अनुमति, लातेहार के बरवाडीह में खोजी जा रही जमीन:
गढ़वा जिले के रंका अनुमंडल में हेमंत सरकार डिग्री कॉलेज खोलेगी. खुलने वाली यह डिग्री कॉलेज सभी तरह की सुविधाओं से युक्त होगी. डिग्री कॉलेज की स्थापना के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है. यहां पर लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से डिग्री कॉलेज का निर्माण किया जाएगा. इसी तरह लातेहार के बरवाडीह प्रखंड में डिग्री कॉलेज खोला जायेगा. इसे लेकर जिले के उपायुक्त द्वारा बरवाडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी को जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है.
चार विश्वविद्यालय के तहत बने डिग्री कॉलेजों में होगी नियुक्ति प्रक्रिया:
हर प्रखंडों में डिग्री कॉलेज के सुचारू संचालन की दिशा में मुख्यमंत्री के बयान की सत्यता इससे भी होती है कि हाल के दिनों में उन्होंने चार विश्वविद्यालय अंतर्गत बने डिग्री कॉलेज यथा रांची विवि, विनोवा भावे विवि, कोल्हान विवि और विनोद बिहारी महतो,कोयलांचल धनबाद विवि में 329 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी है. इसमें प्रोफेसर और प्राचार्य, अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति शामिल हैं. ये डिग्री कॉलेज हैं…
• रांची विश्वविद्यालय – सिल्ली, खिजरी और कोलेबिरा.
• विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय – टुंडी, गोमिया और आरएसपी-2 (धनबाद)
• कोल्हान विवि – जुगसलाई.
• विनोवा भावे विवि अंतर्गत आने वाले पांच डिग्री कॉलेज
319 पदों में हर विवि में निम्न पदों पर होगी नियुक्ति
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्च एवं तकनीकि शिक्षा विभाग द्वारा उपरोक्त डिग्री कॉलेजों में निम्न पद सृजित किए हैं. इसमें शामिल हैं..
A – रांची विवि और विनोद बिहारी महतो, धनबाद अंतर्गत छह डिग्री कॉलेज में कुल 150 पद सृजित किए गये हैं. इनमें शामिल हैं.
• ऑटर्स, साइंस और कॉमर्स के करीब 15 विषयों में 102 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होगी. इसमें क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं के असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति भी शामिल है.
• सभी डिग्री कॉलेजों में एक-एक प्रिंसिपल नियुक्त किए जाएंगे.
• क्लर्क के कुल 24 (हायर और निम्न लेवल क्लर्क), असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 6 पद
• कंप्यूटर ऑपरेटर और फोर्थ लेवल के 18 पद सृजित किए गये हैं.
B – कोल्हान विश्वविद्यालय अंतर्गत डिग्री महाविद्यालय (जुगसालय) में 29 प्रोफेसर और प्राचार्य के पद सृजित करने की मंजूरी दी है.
C – विनोद भावे विवि के पांच नये डिग्री कॉलेज में प्राचार्य समेत 145 अध्यापकों के पद सृजित होंगे.
86 प्रखंडों में आवासीय भवन बनाएगी हेमंत सरकार:
हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022 – 2023 में राज्य के 86 प्रखंडों में आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 46.88 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. आवासीय भवन नहीं होने से प्रखंड कर्मी सुरक्षित रहने के लिए शहर में किराए का मकान लेकर रहते हैं. इससे प्रखंडों में विकास काम काफी प्रभावित है. कई कर्मी इस कमी का बहाना बनाकर बहुत कम समय प्रखंडों में दिखते हैं. इससे प्रखंडों में विकास काम प्रभावित होता है. आवासीय भवन बनने से कर्मी यह नियमित रहेंगे. लोगों को विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलते रहेगा.