झारखंड विधानसभा में इस विधेयक को लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. इस विधेयक को मंजूरी मिलने पर व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन में षडयंत्र करने पर 10 वर्ष की सजा तथा 10 करोड़ रुपये जुर्माना लगेंगे. परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र लूटने, चोरी करने या ओएमआर शीट नष्ट करने पर संबंधित व्यक्ति को 10 वर्ष की सजा व दो करोड़ रुपये जुर्माना लगेंगे. संगठित अपराध में परीक्षा एजेंसी या कंपनी के साथ षडयंत्र करने पर 10 वर्ष की सजा व 10 करोड़ रुपये जुर्माना लगेंगे. न्यायालय द्वारा सजा होने पर संबंधित परीक्षार्थी 10 वर्ष तक प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे.
सजा के प्रावधान को लेकर विधायकों ने काफी हंगामा किया था
इस विधेयक में सजा के प्रावधान को लेकर विधान सभा में काफी हंगामा हुआ था. विपक्ष ने बिल का प्रति भी फाड़ दी थी. भाजपा के विधायकों ने इसे काला कानून तक कहा था. इस विधेयक को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल चार अगस्त 2023 को राज्यपाल से मिल कर विधेयक की समीक्षा कर उचित निर्णय लेने का आग्रह भी किया था. हंगामा को देखते हुए कई विधायकों ने इसे प्रवर समिति के पास भेजने का आग्रह किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने सजा के प्रावधान को कम करने का आश्वासन दिया था, इसके बाद ही विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया.