

Jamshedpur News : झारखंड के 25वें स्थापना दिवस और महान जननायक बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर ‘संवाद 2025 ट्राइबल कांक्लेव’ का भव्य शुभारंभ 251 ढोल-नगाड़ों की ताल पर उत्साह और परंपरा के संग हुआ। 15 से 19 नवंबर तक चलने वाले इस राष्ट्रीय आयोजन में भारत के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 153 जनजातियों से लगभग 2,500 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश की करीब आधी आदिवासी आबादी को एक साझा मंच प्रदान करना है, जहां उनकी सांस्कृतिक पहचान, ज्ञान परंपरा, प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली और सामुदायिक अनुभवों को सामने लाया जा सके। उद्घाटन मंच पर आदिवासी समुदाय के बुजुर्गों, नौ युवाओं और टाटा स्टील फाउंडेशन के वरिष्ठ नेतृत्व ने मिलकर एकता और परंपरा का संदेश दिया।
इस भव्य कांक्लेव में आदिवासी समुदायों की 34 पारंपरिक कला शैलियों, 51 हैंडीक्राफ्ट स्टॉल और 30 हर्बल मेडिसिन केंद्रों का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां आगंतुकों को जनजातीय व्यंजन, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ, रंगारंग नृत्य-गीत प्रदर्शन, चित्रकला, वस्त्र, गहने, ब्लू पॉटरी सहित विविध कला रूपों की झलक देखने को मिल रही है। 24 जनजातियों के अनुभवी हर्बल चिकित्सक लाइफस्टाइल डिजीज़, फिजियोथेरेपी, इंफर्टिलिटी अशांति जैसे विषयों पर अपनी समय-परखी थेरपी और जड़ी-बूटी आधारित उपचार प्रदर्शित कर रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर सुबह संवाद सत्र और शाम को सांस्कृतिक उत्सव का सिलसिला जारी रहेगा, जहां युवाओं और कलाकारों की प्रस्तुतियाँ आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
संवाद का यह 12वाँ संस्करण अब तक अपनी यात्रा में भारत के 333 जनजातीय समुदायों के 43,500 से अधिक लोगों को जोड़ चुका है। इस बार आयोजन में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को आमंत्रित नहीं किया गया है, ताकि ध्यान पूरी तरह स्थानीय और घरेलू भागीदारी पर केंद्रित रहे और समुदाय आधारित विकास को नए आयाम मिल सकें। ‘संवाद 2025’ ने आदिवासी गौरव, परंपराओं की जड़ों और सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर लाकर न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में उत्साह का वातावरण बना दिया है। ढोल-नगाड़ों की गूंज और रचनात्मक अभिव्यक्तियों के बीच यह आयोजन आदिवासी आत्मसम्मान, विरासत और भविष्य के सशक्त निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में दर्ज हो रहा है।









