झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS
वहीं पांच बार सांसद रहे रवींद्र कुमार पांडेय के पास सैकड़ों हाइवा ट्रक हैं. ये लोग जनता की सेवा नहीं, बल्कि अपने हितों की रक्षा के लिए जनप्रतिनिधि बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि बोकारो के एक डीसी ने अपनी पत्नी की वेदांता में नौकरी लगवाई थी, लेकिन जब जयराम महतो ने आवाज उठाई, तो पत्नी को नौकरी से त्यागपत्र दिलवा दिया.
जयराम महतो ने कहा कि गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में 90% झारखंडी निवास करते हैं, लेकिन यहां से बाहरी लोग संसद और विधायक बनते रहे. लेकिन अब ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि जनता को वाजिब हक दिलाने के लिए वह खुद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. क्योंकि कोयलांचल की समस्या दिल्ली के सदन से ही हल की सकती है. झारखंड में नियोजन नीति, स्थानीय नीति का मसला भी वहीं से हल होगा.
जयराम ने PM मोदी पर लगाया लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप
जयराम महतो ने कहा कि देश की स्थिति और बदतर होती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का लोकतांत्रिक ढांचा गिराने में लगे हैं. संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया. क्योंकि राष्ट्रपति के जाने से ‘महाराजा’ मोदी के मान में कमी कम हो जाती. सभा को केंद्रीय उपाध्यक्ष रिजवान, फरजान, मोतीलाल, सावित्री कर्मकार, ब्रजेश, कौशल, शैलेश, सावना हांसदा, संजय मेहता, सानिया परवीन, पूजा महतो आदि ने भी संबोधित किया।
इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी JBKSS
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति लोकसभा चुनाव में झारखंड की चार सीटों गिरिडीह, हज़ारीबाग़, कोडरमा और धनबाद से प्रत्याशी उतारेगी. जयराम महतो खुद गिरिडीह से चुनाव लगेंगे.