Jharkhand News: झारखंड का बूढ़ा पहाड़ वह इलाका है जहां 30 वर्षों तक नक्सलियों का राज हुआ करता था। यहां हर तरफ नक्सलियों ने अपनी किलेबंदी कर रखी थी और सुरक्षाबलों के लिए यहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल था। लेकिन मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व के बाद यह आज नक्सलियों से मुक्त हो चुका है। बूढ़ा पहाड़ से पहले हेमंत सरकार में नक्सलियों के खिलाफ जैसा ठोस अभियान शुरू किया गया है, उससे पूर्वी सिंहभूम, पलामू, गढ़वा, सिमडेगा समेत कई जिले नक्सलमुक्त हो चुके हैं। राज्य सरकार की तैयारी अब कोल्हान (पश्चिमी सिंहभूम) के सारंडा जंगल से नक्सलियों को खत्म करने पर है। बता दें कि यहां का गोइलकेरा व टोंटो प्रखंड अब भी नक्सलियों का गढ़ बना हुआ है। यहां से नक्सलियों के मुक्ति के लिए सरकार सुरक्षा बलों के अभियानों के साथ विकास कामों को पहुंचाने पर जो दे रही है।
Jharkhand News: जानिए, क्या हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच।
बूढ़ा पहाड़ की तरह ही कोल्हान का सारंडा का जंगल नक्सलियों के लिए सुरक्षित गढ़ बना हुआ है। इसकी सीमा छत्तीसगढ़ व ओडिशा से लगती है, इसलिए नक्सली सुविधा के अनुसार दोनों राज्यों में पनाह लेते थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच है कि यदि इस बार सारंडा जंगल का यह क्षेत्र नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त हो गया, तो इस क्षेत्र में भी विकास की किरणें दिखाई देंगी। इन गांवों में केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजना तत्परता से पहुंचनी जरूरी है।
इसी सोच का असर है कि सरकार बनने के करीब छह माह बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव नुईयागड़ा पहुंचा। इस दौरान ग्रामीणों का रहन-सहन, जीवन शैली और विकास योजनाओं को करीब से देखा। साथ ही ग्रामीणों के साथ बैठ कर उनकी समस्याओं को भी सुना गया।
Jharkhand News:सुरक्षा बल लगातार चला रहे हैं सर्च ऑपरेशन।
कोल्हान से नक्सलियों के पांव पूरी तरह उखाड़ने के लिए सुरक्षा बलों के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इससे नक्सली के अंदर काफी बौखलाहट में हैं। सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सिलयों द्वारा जंगलों में 200 से ज्यादा आइइडी व स्पाइक होल बिछाया गया है। हालांकि सुरक्षाबलों को कुछ नुकसान भी हुआ है, लेकिन इन्होंने सर्च अभियान के क्रम में इसे नष्ट भी किया है। पश्चिम सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह नक्सली और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड़ हुई। सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी में कई नक्सली घायल हुए हैं। हाथीबुरू कुरिया के जंगली क्षेत्र में मुठभेड़ की खबर सामने आयी है।
Jharkhand News: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को बेहतर जिंदगी जीने का मौका दे रही है सोरेन सरकार।
राज्य को नक्सलवाद से मुक्त करने और नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सोरेन सरकार पहले ही एक बेहतर आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति ला चुकी है। इस नीति का भी अच्छा असर देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक की अवधि में 37 दुर्दांत नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया है। बता दें कि सोरेन सरकार की इस नीति का उद्देश्य माओवादियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को कई लाभ दिए जाते हैं? सरकार उन्हें बेहतर जिंदगी जीने का एक मौका दे रही है।