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इस मौके पर कृषि मंत्री बादल ने कहा कि यह एक अच्छा प्लेटफार्म है, जहां पर झारखंड सहित पूरे देश की खाद्य सामग्रियों को एक साथ उद्यमियों को देखने का अवसर मिलता है। इंडस्ट्री एग्री समन्वय के तहत युवाओं को सारी फैसिलिटी दी जा रही है ,कोई यदि अपना यूनिट झारखंड में लगाना चाह रहे हैं तो उसके लिए झारखंड सरकार उन्हें हर संभव मदद करेगी। कृषि के क्षेत्र में सरकार की योजनाओं की जानकारी के लिए यह स्टॉल नेशनल लेवल पर लगा हुआ है। उत्पादों को प्रोसेसिंग करके वहां के लोग आगे बढ़ना चाहते हैं। लेकिन उन्हें उचित बायर्स नहीं मिलता हैं ,ऐसे उद्यमियों के लिए यह एक अच्छा प्लेटफार्म है, यहां हमने देखा की कैसे नाइट्रोजन पैकिंग व डिहाइड्रेटेड सामग्री को कई दिनों तक सुरक्षित रखा जाता है। उन्होंने बताया कि आईआईएम से पढ़े युवाओं ने भी अपना स्टॉल लगाया है। बादल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का लगातार प्रयास है कि छोटे-छोटे उद्यमी देश स्तर और विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाएं, इसमें प्रगति मैदान में लगाया गया यह स्टॉल मिल का पत्थर साबित होगा।
बादल ने कहा कि झारखंड में एक अनुकूल और जीवंत निवेश पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें राज्य विभिन्न औद्योगिक नीतियों के माध्यम से आकर्षक वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। माननीय मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य निवेशकों को हर संभव तरीके से सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है और संभावित निवेशकों से झारखंड में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने की अपील करता है।
राज्य के लोगों के लिए एक बेहतर अवसर :स्थानिक आयुक्त
झारखंड के स्थानिक आयुक्त श्री मस्तराम मीणा ने कहा कि यह राज्य के लोगों के लिए बेहतर अवसर है, जहां हम आकर झारखंड की खाद्य प्रसंस्करण सामग्रियों को विश्व स्तर पर रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां 12 स्टाल लगे हुए हैं, जिसमें काजू, दूध, मिलेट ,मधु, चावल, चिल्ली ,टोमेटो केचप, पेड़ा , माइनर फॉरेस्ट एवं पलाश से संबंधित कई स्टाल लगाए गए हैं।
4 नवंबर को नॉलेज सेशन : जितेंद्र कुमार सिंह उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि 4 नवंबर को नॉलेज सेशन रखा गया है, जिसके माध्यम से माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस जैसे महुआ, चिरौंदी सहित कई सामग्रियों को प्रक्रिया करना और इसे बढ़ावा देने पर विशेष चर्चा होगी, क्योंकि झारखंड वन क्षेत्र है इसलिए वन उत्पाद को कैसे बढ़ावा दिया जाए, इसे लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी। जिसमें इस चर्चा के दौरान झारखंड से कई पैनलिस्ट दिल्ली में आकर प्रगति मैदान में एक सकारात्मक चर्चा करने वाले हैं, जिससे राज्य के लोगों को फायदा होगा।
विश्व को भारत की खाद्य संस्कृति से परिचित कराने का बेहतर प्लेटफार्म – भोर सिंह यादव
उद्योग निदेशकभोर सिंह यादव ने कहा की 5 नवंबर तक यह स्टॉल रहेगा ,जहां ज्यादा से ज्यादा लोग आकर झारखंड सहित देश के विभिन्न कोने से आए खाद्य प्रसंस्करण को देखने का काम करें। झारखंड से जेएसएलपीएस ,फॉरेस्ट और एग्रीकल्चर के कई स्टाल लगाए गए हैं, उन्होंने कहा कि विश्व को समृद्ध भारत खाद्य संस्कृति से परिचित कराने के साथ-साथ देश को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आगे पहचान बढ़ाने और निवेश के लिए यह एक उचित प्लेटफार्म है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जिडको की प्रबंध निदेशक माधवी मिश्रा भी उपस्थित थीं।