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Jharkhand News : झारखंड विधानसभा में सिद्धो–कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड की चतुर्थ बैठक आयोजित

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Jharkhand News : Jharkhand विधानसभा में आज सिद्धो–कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड की चतुर्थ बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने की। बैठक में किसानों की आय बढ़ाने, वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को गति देने और ग्रामीण क्षेत्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि झारखंड में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र की अपार संभावनाओं को मजबूती देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि किसानों को आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और बेहतर विपणन सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में व्यापक कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि जल–जंगल–जमीन से जुड़ा विकास ही झारखंड के किसान और ग्रामीण समुदाय को वास्तविक मजबूती प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता है कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य और समय पर भुगतान मिले। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खेती के हर चरण—उत्पादन से लेकर विपणन तक—किसानों को बिना किसी बाधा के सहायता मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण को लेकर भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि चेक डैम और जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसानों के समूहों और जलसहिया समितियों को दी जानी चाहिए, ताकि स्थानीय स्तर पर स्वामित्व बढ़े और ग्रामीणों की आजीविका मजबूत हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं में पारदर्शिता और समयबद्ध क्रियान्वयन ही किसानों की सशक्तता की वास्तविक कुंजी है।

बैठक में डिजिटल सुविधा को किसानों तक पहुँचाने पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित किया जाए, जिसके माध्यम से वे अपनी फसलों, कृषि सामग्रियों और बाजार भाव की जानकारी सीधे डिजिटल माध्यम से साझा कर सकेंगे। साथ ही एक कृषि पोर्टल बनाने का भी निर्देश दिया गया, जिससे उपभोक्ता सीधे किसानों से उत्पाद खरीद सकेंगे और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “किसान पाठशाला” और वीडियो आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएँ, ताकि किसान आधुनिक तकनीक और नवाचारों को आसानी से अपना सकें। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि राज्य में लाह, इमली, कोदो, कुटकी, चिरौंजी, महुआ, करंज, तसर और अन्य वनोपजों के उत्पादन और विपणन को नई दिशा देने के लिए ठोस कार्ययोजनाएं बनाई जाएँगी। बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्य सचिव अविनाश कुमार सहित कई विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।