Skip to content
Advertisement

JHARKHAND NEWS : शायद ही किसी ने सोचा था कि मरीज बेहतर इलाज के लिए या घऱ वापसी के लिए होंगे एयरलिफ्ट.

Bharti Warish
Advertisement
JHARKHAND NEWS : शायद ही किसी ने सोचा था कि मरीज बेहतर इलाज के लिए या घऱ वापसी के लिए होंगे एयरलिफ्ट. 1

JHARKHAND NEWS : झाऱखंड एक ऐसा राज्य जो 29 दिसम्बर 2019 के बाद से देश की राजनीति में काफी चर्चा में रहा है. शुरूआती चर्चा तो इसलिए क्योंकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा के लगातार जीत को ब्रेक लगाने का काम झामुमो नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड ने किया. उसके बाद से झारखंड की चर्चा इसलिए होने लगी क्योंकि कोरोना महामारी के शुरूआत में ही मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन ने राज्य के मरीजों, मजदूरों के हितों में बेहतर काम शुरू किया।

Advertisement

इसी काम की एक कड़ी थी मरीजों को ‘इलाज के लिए’ और संकटग्रस्त मजदूरों को ‘घर वापसी के लिए’ एयरलिफ्ट कराने की शुरूआत. शायद ही किसी ने ऐसा सोचा था कि झारखंड में कभी ऐसी भी कोई सरकार आएगी, जब राज्य का कभी कोई मरीज या मजदूर भी एयरलिफ्ट होंगे, वह भी बिना धर्म-जात, गरीब-अमीर का भेदभाव के. लेकिन ऐसा आज हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुआ है.

लेह, अंडमान में काम कर रहे झारखंड के मजदूरों को कराया एयरलिफ्ट.
• घायल काजल, नदीम, पुलिस कर्मी हिमांशु कुमार को बेहतर इलाज के लिए कराया एयरलिफ्ट.
• कोरोना काल में संक्रमित मरीजों को पहुंचायी राशन और बेहतर चिकित्सा सेवा.
• फूलों झानो मेडिकल कॉलेज में इलाजरत घायलों के इलाज के लिए रिम्स से डॉक्टरों की टीम को भेजा

कोरोना काल में सभी ने देखा कि किसी तरह सुदूरवर्ती लेह में फंसे झारखंड के मजदूरों को एयरलिफ्ट कराया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की डिमांड पर लद्दाख प्रशासन ने मजदूरों को एयरलिफ्ट कराने में मदद की. इसी तरह अंडमान में फंसे प्रवासी मजदूरों को भी एयरलिफ्ट कराया गया. महामारी के समय हर मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी।

इसका असर यह हुआ कि अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में संक्रमित मरीजों की मृत्यू दर काफी कम रही. कोरोना के शुरूआत में जैसे ही राजधानी के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में से एक हिंदपीढ़ी में संक्रमित मरीज मिलने शुरू हुए, तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां के लोगों को राशन से लेकर चिकित्सा की हर सुविधा दी गयी.

इन तीन सालों में झारखंड के कई जरूरतमंदों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कराया गया है. जैसे ही मुख्यमंत्री को इसकी सूचना मिली, उन्हें स्वतः संज्ञान लेते हुए यह पहल की. जैसे –

  • एसिड अटैक से घायल चतरा की बिटिया काजल कुमारी को बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली शिफ्ट किया गया. हेमंत सोरेन के निर्देश पर पहले तो बिटिया को राजधानी के रिम्स भेजा गया, यहां पर बेहतर इलाज हुआ. लेकिन जब स्थिति सुधरते नहीं दिखी, तब मुख्यमंत्री के निर्देश पर एयरलिफ्ट कराया गया.
  • धनबाद के सिंदरी में घटी एक घटना में गंभीर जख्मी हुए एक पुलिस कर्मी जिसका नाम हिमांशु कुमार था, को मुख्यमंत्री के निर्देश पर एयरलिफ्ट कराया गया. हेमंत के निर्देश पर पहले उसका इलाज दुर्गापुर मिशन अस्पताल में हुआ, पर जब स्थिति नहीं सुधरी, तब हेमंत सोरेन ने धनबाद एसएसपी को कॉल कर एयर एंबुलेंस से ले जाने के लिए निर्देश दिया.
  • रांची में हुई हिंसा में गंभीर रूप से घायल अल्पसंख्यक युवक नदीम को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेजा गया. घायल नदीम अंसारी का पहले रिम्स में इलाज चल रहा था.
  • रांची के ‘सेंट जेवियर्स कॉलेज’ के छात्रों का एक दल सिक्किम के गंगटोक में दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे. जैसे ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह जानकारी मिंली, तो उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री से बात कर छात्रों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने का अनुरोध किया. राज्य के आला अधिकारियों को घायल छात्रों को हवाई मार्ग से लाने (एयरलिफ्ट) की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये.

मरीजों के इलाज कराने में हेमंत सोरेन की तत्पता दुमका के फूलों झानो मेडिकल कॉलेज में भी देखने को मिली. बीते दिनों एक गैस टैंकर विस्फोट में आसपास के कई ग्रामीण घायल हुए. आग से झुलसे कुछ लोगों को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया।

बाद में कई अगर पीड़ित लोग भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए. जैसे ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने संज्ञान लेते हुए रिम्स से डॉक्टरों की एक टीम को दुमका जाने का निर्देश दिया. मेडिकल कॉलेज पहुंचे डॉक्टरों ने मरीजों को जांच कर आवश्यक निर्देश दिए.

Advertisement
JHARKHAND NEWS : शायद ही किसी ने सोचा था कि मरीज बेहतर इलाज के लिए या घऱ वापसी के लिए होंगे एयरलिफ्ट. 2