JHARKHAND NEWS: उत्पाद सिपाही व काराओं में वाहन चालक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन बीच में रद्द करने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है । हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक ने राज्य सरकार से पूछा है कि किन कारणों से नियुक्ति विज्ञापन को रद्द किया गया।
इन विज्ञापनों से संबंधित प्रार्थियों के साथ भेदभाव क्यों किया गया। राज्य सरकार को स्पेसिफिक शपथ पत्र दायर कर विज्ञापन रद्द करने का कारण बताने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 11 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने झारखंड के स्थानीय निवासीअभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए चल रही प्रक्रिया को एक नवंबर 2021 को रद्दकर दिया था। इसमें छह विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के विज्ञापन को निरस्तकिया गया था। जिसमें लगभग 4999 पद शामिल थे।जेएसएससी ने विज्ञापनरद्द करने के लिए कार्मिक, प्रशासनिक सुधार व राजभाषा विभाग के संकल्पसंख्या-821/5.2.2021 का तर्क दिया था, जिसमें कहा गया था कि जिनमें अबतक नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किये गये हैं, उनमें नियुक्ति की प्रक्रिया अपूर्ण मानतेहुए, उन सभी विज्ञापनों को निरस्त किया जाता है।
झारखंड हाइकोर्ट ने जेपीएससी असिस्टेंट टाउन प्लानर प्रतियोगिता परीक्षा के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील व रिट याचिका पर फैसला सुनाया । जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आवेदन की अंतिम तिथि के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानिंग का सर्टिफिकेट जमा करनेवाले 186 अभ्यर्थियों को छोड़ कर मेरिट लिस्ट बना कर संशोधित रिजल्ट जारी किया जाये।
राज्य सरकार व जेपीएससी को निर्देश दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया दो माह में पूरी की जाये, क्योंकि राज्य में टाउन प्लानर की आवश्यकता है।
जेपीएससी ने अप्रैल 2020 में असिस्टेंट टाउन प्लानर के 77 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेपीएससी ने मार्च 2021 को परिणाम जारी किया. 43 सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी गयी। सफल होनेवाले अभ्यर्थियों में से 26 ऐसे अभ्यर्थी थे।
जिनके पास आवेदन की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था। 186 अभ्यर्थी वैसे थे, जिन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट आवेदन की अंतिम तिथि के बाद जमा की थी। सर्टिफिकेट जमा करने के लिए जेपीएससी ने छूट प्रदान की थी। जिसे अभ्यर्थियों ने गलत बताते हुए झारखंड हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की गयी थी।