Jharkhand News: स्थानीय समाचार पत्र दैनिक भास्कार में दिनांक 29.09.2023 को प्रकाशित समाचार (छाया प्रति संलग्न) जिसमें यह अंकित है कि- “320 इंटर कॉलेज अब अतीत बन जायेंगे +2 हाई स्कूलों में मर्ज करने प्रोसेस शुरू विरोध में शिक्षकों की हड़ताल” उक्त प्रकाशित समाचार के संदर्भ में अंकित करना है कि यह समाचार तथ्य से परे तथा पूर्णतया भ्रामक है।
राज्य के 320 इंटर कॉलेजों को +2 उच्च विद्यालयों में मर्ज करने
की एक ख़बर प्रकाशित हुई थी. इस मामलें को लेकर विभाग की तरफ से स्थिती को स्पष्ट किया गया। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विभाग ने कहा कि, इस संबंध में न ही कोई प्रस्ताव है और न ही सरकार की ओर से इस तरह का निदेश जारी किया गया है। इस संबंध में स्पष्ट करना है कि स्नातक स्तरीय महाविद्यालयों की पृच्छा तथा माध्यमिक परीक्षा 2023 के परीक्षाफल प्रकाशन के उपरान्त उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों के बीच अनिश्चिता की स्थिति पैदा हो जाने की इंटरमीडिएट कक्षा में किन स्नातक स्तरीय महाविद्यालय में नामांकन लिया जाए अथवा नहीं को देखते हुए छात्रों को हो रही कठिनाई एवं उनके नामांकन में विलम्ब होने की स्थिति में शैक्षणिक स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसे देखते हुए विभागीय सचिव की अध्यक्षता में दिनांक 28.06.2023 को संपन्न बैठक जिसमें अध्यक्ष, झारखण्ड अधिविद्य परिषद् तथा सचिव झारखण्ड अधिविद्य परिषद् सम्मिलित हुए में छात्रों के हित को देखते हुए निम्नांकित निदेश निर्गत किए गए- “यदि किसी जिला या क्षेत्र में माध्यमिक परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र / छात्राओं इंटरमीडिएट कक्षा में नामांकन लेने में कठिनाई हो तो पूर्व के वर्षों की भांति अंगीभूत एवं डिग्री सम्बद्ध महाविद्यालय में इंटरमीडिएट कक्षा में नामांकन लिया जा सकेगा।”
अतः उपरोक्त से स्पष्ट है कि इंटरमीडिएट कॉलेजों को न तो बंद करने संबंधी कोई दिशा-निदेश दिए गए हैं और न ही इन्हें मर्ज करने का कोई प्रस्ताव या निर्णय है।
जहाँ तक हजारीबाग जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा निर्गत 1267 दिनांक 27.09. 2023 का प्रश्न है. यह सिर्फ इंटर महाविद्यालयों में आधारभूत संरचना नामांकन आदि की जानकारी प्राप्त करने हेतु निर्गत किया गया था। इस पत्र में इंटरमीडिएट कॉलेज के बंद करने अथवा मर्ज करने संबंधी कोई निदेश नहीं दिए गए थे अंकनीय है कि जिला स्तर से निर्गत इस पत्र के संबंध में न तो विभाग की ओर से और न ही झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद् की ओर से इस संबंध में किसी तरह का निदेश दिया गया था। इसे देखते हुए जनमानस में भ्रम की स्थिति न रहे को ध्यान में रखते हुए इस प्रेस विज्ञप्ति को उक्त प्रकाशित भ्रामक समाचार के आलोक में प्रकाशित किया जाए।