

Jharkhand News : झारखंड में वन्यजीव और पर्यटन के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लातेहार जिले के पुटूवागढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित राज्य की पहली टाइगर सफारी परियोजना को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और विस्तृत प्रस्तुति देखी। यह महत्वाकांक्षी परियोजना पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) क्षेत्र के बाहर विकसित की जा रही है, जो राज्य के लिए एक बड़ा आकर्षण केंद्र बनेगी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान परियोजना के विभिन्न तकनीकी और पर्यावरणीय पहलुओं की जानकारी ली और अफसरों को निर्देश दिए कि कार्य में पारदर्शिता और वन्यजीव संरक्षण मानकों का सख्ती से पालन हो। इस परियोजना के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है और यह बेतला नेशनल पार्क के नजदीक क्षेत्र में विकसित की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सफारी की स्थापना से न केवल पर्यटकों को बाघों और अन्य दुर्लभ वन्यजीवों को करीब से देखने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह पलामू, डाल्टनगंज, बरवाडीह और मंडल डैम जैसे क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार और आजीविका के नए द्वार खोलेगी।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि यह टाइगर सफारी न केवल झारखंड को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान देगी, बल्कि राज्य के युवाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी। उन्होंने विभागों को निर्देश दिया कि परियोजना को हरित मानकों के अनुरूप तैयार किया जाए और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित हो। विशेषज्ञों के अनुसार, टाइगर सफारी के निर्माण से राज्य में इको-टूरिज्म सर्किट को नया आयाम मिलेगा, जो नेतरहाट, बेतला, केचकी से लेकर मंडल डैम तक पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव बनेगा। इस अवसर पर मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक कल्पना सोरेन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) परितोष उपाध्याय, पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एस.आर. नाटेश सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह परियोजना झारखंड की जैव विविधता संरक्षण और पर्यटन विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।









