Jharkhand News: झारखंड ने केंद्र सरकार से पूर्व में घोषित सुखाड़ के मद्देनजर क्षतिपूर्ति राशि मांगी है। यह मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया से की गई है। मांडविया ने हीट वेव को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की।
झारखंड की ओर से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
झारखंड ने केंद्र के समक्ष रखीं ये मांगे
● लू को राष्ट्रीय आपदा में शामिल किया जाए।
● लू या शीत लहर के कारण हुई मृत्यु में मौत के कारणों को स्पष्ट करना आवश्यक है। भारत सरकार इस संबंध में स्पष्ट मार्गदर्शन दें।
● आगजनी के प्रकार को परिभाषित करें कि प्राकृतिक आग या मानव जनित है।
● पूर्व घोषित सुखाड़ के लिए भारत सरकार से क्षतिपूर्ति के लिए कुल 9600 करोड़ उपलब्ध कराए जाएं।
● वज्रपात को राष्ट्रीय आपदा में सम्मिलित किया जाए, जिलों में आपदा मित्र की स्वीकृति दी जाए।
● आपदा प्रबंधन द्वारा राज्यांश निर्गत करने की अवधि की अधिसीमा बढ़ाकर 60 दिन की जाए।
पहले इसकी अवधि मात्र 15 दिन थी।
जिलों में आपदा मित्र की स्वीकृति दी जाए
बन्ना गुप्ता ने कहा कि केंद्र आगजनी के प्रकार को परिभाषित करे, ताकि यह स्पष्ट हो कि वह प्राकृतिक आग है या मानव जनित की श्रेणी में माना जाएगा। सभी जिलों में आपदा मित्र की स्वीकृति दी जानी चाहिए। आपदा प्रबंधन की ओर से राज्यांश निर्गत करने की अवधि की अधिसीमा को बढ़ाकर 15 दिनों की बजाये 60 दिन किया जाए। मौके पर बन्ना गुप्ता के साथ स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल, एनएचएम निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।
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