रांची: राजनीति के गलियारों में आशियाना बदलने पर नेता का हाव भाव बदलता है, लेकिन सत्ता की लोलुपता में बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला करने वाले आरोपी को माला पहनाया था। और इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हेमंत सोरेन से इनकी लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि अपनी कोई निजी खुन्नस निकाल रहे हैं। जबकि हेमंत सोरेन ने बाबूलाल के बेटे के हत्यारे को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया था।
Jharkhand Politics: बताते चलें कि बाबूलाल मरांडी जब जेवीएम पार्टी में थे तो रघुवर दास के शासनकाल की सीबीआई जांच कराने की मांग करते रहे हैं और वे हमेशा ये आरोप लगाया करते थे कि सीबीआई जांच से कई बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा। परंतु भाजपा में आने के बाद इनका राग बदल गया और लगातार अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिराने की बात कहते रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में आईएएस पूजा सिंघल को ईडी ने जब गिरफ्तार किया तो प्रदेश के भाजपा ने हेमंत सोरेन से तार जोड़ने के बात कह रहे थे परंतु जो भी भ्रष्टाचार हुआ वो भाजपा सरकार के शासनकाल में हुआ था।
गत रविवार मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो बाबूलाल मरांडी ने वायरल कर उस पर कई गंभीर आरोप लगाए जिसमें वे किसी निजी ऑफिस में सरकारी कार्यों को निपटारा कर रहे थे। राजीव अरुण एक्का के पास सूचना एवं जनसंपर्क और गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव का भी अतिरिक्त प्रभार था परंतु वीडियो वायरल होने के कुछ घंटे बाद रविवार को ही तबादला का आदेश दिया और उन्हें अभी पंचायती राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया। तबादला करने पर विधायक सरयू राय ने उन्हें धन्यवाद किया।