पाकुड़ से दिलचस्प फैसला सामने आया है, जहां जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी को पार्टी ने टिकट दिया है। आलमगीर आलम पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाया है। यह निर्णय पार्टी के अंदर और बाहर कई राजनीतिक चर्चाओं का विषय बन गया है।वहीं, बरही विधानसभा से विधायक उमाशंकर अकेला का टिकट कटना भी एक अहम फैसला है। उमाशंकर अकेला ने क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाई थी, लेकिन टिकट काटने से उनके समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है।
धनबाद और बोकारो जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उम्मीदवारों की घोषणा में देरी से पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में चिंता बढ़ रही है। दूसरी ओर, पाकुड़ और बरही में लिए गए निर्णय आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति और दिशा को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करते हैं।अब देखना यह होगा कि कांग्रेस के इन फैसलों का आगामी चुनावी परिणामों पर क्या असर पड़ता है।