Ranchi : दुनिया का हर व्यक्ति उम्र के एक पायदान में आकर अस्वस्थ होता है. ठीक यही स्थिति झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री जगरनाथ महतो की भी है. वे इन दिनों अस्वस्थ है. अपना इलाज वे चेन्नई में करा रहे हैं. उनके बेहतर स्वस्थ को लेकर झारखंड का हर आदिवासी-मूलवासी कामना कर रहे हैं. इसी कामना के बीच एक चेहरा ऐसा भी है, जो बेवजह जगरनाथ महतो पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं. वे हैं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी. खैर, देश के सबसे बड़े न्यायालय यानी जनता के न्यायालय से बाबूलाल को जवाब भी मिल रहा है. जगरनाथ महतो पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर वे बूरी तरह से फंस गए हैं.
Jharkhand: आदर्श की बात करने वाले बाबूलाल भूले नहीं कि जेवीएम के उनके छह विधायकों को भाजपा ने ही खरीदा था !
सबसे पहले बात आदर्शों को. बाबूलाल मरांडी सोशल मीडिया में आदर्शो से हटकर कथित किसी घोटाले (जो आज तक हुआ भी नहीं है) की बात कर शिक्षा मंत्री पर अनर्गल आरोप लगा रहे है. क्या बाबूलाल भूल गए हैं कि 2014 के चुनाव के बाद उनकी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के समय उनके छह विधायकों को तत्कालीन भाजपा सरकार ने किस तरह से खरीदा. यूं कहें, तो विधायक बिके. बाबूलाल मरांडी ने स्वंय आरोप लगाए कि उनकी पार्टी के छह विधायकों को भाजपा में शामिल होने के लिए 11 करोड़ रुपये दिए गए थे. इसके जवाब में भाजपा ने आरोपों को निराधार बताते हुए मरांडी के ख़िलाफ़ मानहानि का केस करने की चेतावनी दी. मरांडी ने उन छह विधायकों को नाम भी बताए हैं कि किस-किस को कितने पैसे मिले और भाजपा के किन–किन नेताओं ने किसकी निगरानी में ये पैसे दिए. बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में जेवीएम पार्टी के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर प्रमाण के तौर पर भाजपा का एक पत्र भी सौंपा. उसके बाद भी बाबूलाल भाजपा की शरण में चल गए.
Jharkhand: यूजर्स ने ऐसी नसीहत दी, जो शायद बाबूलाल को ठीक नहीं लगे.
अब बात शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पर की गयी बाबूलाल मरांडी के अनर्गल बयानबाजी और इस पर आए रिएक्शन की. भाजपा नेता ने जगरनाथ महतो की अस्वस्थता पर टिप्पणी क्या की, कई यूजर्स ने उन्हें तरह-तरह की नसीहत दे दी. ऐसी नसीहत जो बाबूलाल को ठीक नहीं लगे हो.
एक ने लिखा – ‘इतनी घटिया सोच धिक्कार है.’
एक ने लिखा – ‘आपका भी बूरा दिन आएगा बाबूलाल मरांडी जी, तब ऐसे ही सवाल होगा. सबका समय आता है.’
एक ने लिखा – ‘रघुवर काल की सीबीआई जांच की उनकी मांग कब पूरी होगी.’
एक ने लिखा – ‘रघुवर दास सरकार के समय जल संसाधन विभाग में 2176 करोड़ रुपए का कोनार बांध 12 घंटे में धराशायी हो गया, इसकी जांच कौन कराएगा.’