

एक परीक्षा, जो हजारों युवाओं के सपनों का आधार थी, आखिरकार उसकी आखिरी परत खुल गई। झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने 2023 की सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। लेकिन यह सिर्फ एक परिणाम नहीं है, बल्कि वर्षों की देरी, संघर्ष और जन आंदोलनों के बाद मिली सफलता की कहानी है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों इस परीक्षा का परिणाम बनने में इतना लंबा समय लगा? क्या संघर्ष ही सफलता का सच्चा पर्याय बन गया? आइए, जानते हैं इस खबर की पूरी कहानी।
JPSC की इस सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। मुख्य परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक अभ्यर्थियों को न केवल कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, बल्कि आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठते रहे। मूल्यांकन में पारदर्शिता की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए। रांची, हजारीबाग, धनबाद, गढ़वा समेत कई जिलों में आंदोलन, धरने और सोशल मीडिया अभियानों के जरिये अपनी आवाज बुलंद की गई। कई बार आयोग मुख्यालय के बाहर छात्रों ने टेंट लगाकर बैठकों का आयोजन किया। लगातार दबाव और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद ही आयोग ने चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
इस लंबे और संघर्षपूर्ण सफर के बाद अब झारखंड लोक सेवा आयोग ने फाइनल परिणाम घोषित कर दिया है। कुल 342 अभ्यर्थी विभिन्न प्रशासनिक पदों के लिए चयनित हुए हैं। यह परिणाम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट jpsc.gov.in पर उपलब्ध है। इस घोषणा ने न केवल सफल उम्मीदवारों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है, बल्कि उनके परिवारों में भी खुशियों की लहर दौड़ गई है। यह जीत सिर्फ एक नौकरी पाने की नहीं, बल्कि लगातार झेलते संघर्ष का सम्मान भी है।
इस परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यर्थी ने राज्य का नाम गौरवान्वित किया है। आशीष अक्षत ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि दूसरे स्थान पर अभय कुमार और तीसरे स्थान पर रवि रंजन कुमार रहे। इसके अलावा, गौतम गौरव, श्वेता, राहुल कुमार विश्वकर्मा, रोबिन कुमार, संदीप प्रकाश, स्वाति केशरी, और राजीव रंजन जैसे प्रतिभाशाली युवा टॉप-10 में शामिल हुए हैं। इन युवा प्रतिभाओं ने झारखंड की युवा शक्ति को नई दिशा और उम्मीद दी है।
झारखंड लोक सेवा आयोग ने स्पष्ट किया है कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह योग्यता और आरक्षण नियमों के अनुसार हुई है। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया है। आयोग ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि अभ्यर्थियों को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े।




