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KODERMA NEWS : कोडरमा की डॉक्टर गयी जेल, 2 साल सजा के साथ लगा जुर्माना, जानिए कारण

Bharti Warish

KODERMA NEWS : कोडरमा व्यवहार न्यायालय की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वैशाली श्रीवास्तव की कोर्ट ने कोडरमा के चर्चित लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या के मामले में त्वरित गति से न्याय करते हुए सजा सुनायी है।

कोर्ट ने झुमरीतिलैया डॉक्टर गली स्थित धन्वंतरी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक की डॉ कुमारी सीमा और उनकी सहयोगी अनीशा खातून को दो साल सश्रम कारावास और पांच- पांच हजार रु अर्थ दंड की सजा सुनाई है।


झुमरी तिलैया स्थित धन्वंतरी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक में अवैध रूप से गर्भवती महिलाओ का लिंग परीक्षण कर भ्रूण हत्या किए जाने की शिकायत पर तत्कालीन डीसी के निर्देश पर टीम गठित कर 27 मई 2019 को उक्त क्लिनिक में छापेमारी की गई थी और उक्त क्लिनिक की डॉ कुमारी सीमा और उनकी सहयोगी अनीशा खातून को गर्भवती महिलाओ का लिंग परीक्षण कर भ्रूण हत्या के मामले में रंगे हाथ पकड़ा गया था।

टीम के संतोष सिंह के आवेदन पर इस घटना को लेकर तिलैया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। वाद का विचारण मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वैशाली श्रीवास्तव की कोर्ट में किया गया। माननीय कोर्ट ने इस कांड की गंभीरता को देखते हुए इसका त्वरित गति से विचारण करते हुए लगभग चार साल में ही इस कांड में फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से कांड में कुल 13 गवाहों का परीक्षण कराया गया।

अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक अंजलीना बारला और बचाव पक्ष से अधिवक्ता जयप्रकाश नारायण, कुमार रौशन ने अपनी- अपनी दलीलें पेश की।
माननीय कोर्ट ने गवाहों द्वारा दिए गए बयान और अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कांड की आरोपी डॉ कुमारी सीमा और उनकी सहयोगी अनीशा खातून को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत दोषी पाते हुए दो साल सश्रम कारावास और पांच हज़ार रू अर्थदंड की सजा सुनाई।

बहुचर्चित कांड का त्वरित गति से न्याय दिए जाने से जहां क्षेत्र के लोगो का न्याय के प्रति विश्वास काफी बढ़ा है। बता दें कि माननीय कोर्ट द्वारा इस कांड में दिए गए निर्णय से समाज को यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी पद पर आसीन हो, यदि वह कोई भी आपराधिक कार्य करता है, तो वह कानून की नज़र में दोषी है और ऐसे आपराधिक कार्यो के लिए उन्हें कानून द्वारा कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है।

साथ की इस निर्णय से यह भी संदेश दिया गया कि महिलाओ के विरुद्ध किये गए अपराध के लिए कानून बिना भेदभाव लोगों को दंडित करता है, जिससे महिलाओं के प्रति किए जा रहे अपराधों पर अंकुश लगेगा