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Kurmi Andolan
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Kurmi Andolan: रेल रोको आंदोलन से ट्रेनों का परिचालन प्रभावित, 26 से अधिक ट्रेनें रद्द, 24 से अधिक के मार्ग बदले, दिनभर परेशान रहे यात्री

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Kurmi Andolan : कुड़मी समाज द्वारा एसटी (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा देने की मांग को लेकर शुरू हुआ Kurmi Andolan लगातार तेज होता जा रहा है। शनिवार को Kurmi Andolan का असर धनबाद रेल मंडल सहित पूरे हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कॉर्ड लाइन पर देखने को मिला। सुबह सात बजे से ही अप और डाउन दोनों रूट पर ट्रेनों का संचालन बाधित हो गया। इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ा, जिन्हें घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा। 26 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 24 से अधिक ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए। हालात ऐसे रहे कि आर्थिक रूप से कमजोर यात्री स्टेशन परिसर में ही बैठे ट्रेन परिचालन के सुचारू होने का इंतजार करते रहे।

धनबाद से लेकर आसनसोल, चंद्रपुरा और गोमो जैसे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ दिनभर बनी रही। जो यात्री अपने गंतव्य की ओर बढ़ने की कोशिश में थे, उन्हें बीच रास्ते में उतरना पड़ा और वैकल्पिक साधनों से वापसी करनी पड़ी। धनबाद आने वाली ट्रेनों की संख्या सीमित हो गई, जिससे लोग अन्य स्टेशनों पर उतरकर बस या ऑटो के सहारे धनबाद लौटने लगे। जिन यात्रियों के पास अतिरिक्त साधनों का खर्च उठाने की क्षमता नहीं थी, वे प्लेटफार्म पर ही रात बिताने को मजबूर हो गए।

रेलवे प्रशासन ने प्रभावित यात्रियों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए। धनबाद मंडल प्रशासन ने चंद्रपुरा से रांची और आसनसोल से धनबाद तक विशेष बसों का प्रबंध किया। इसके साथ ही रुकी हुई ट्रेनों में यात्रा कर रहे यात्रियों के बीच पानी और खाद्य सामग्री का वितरण भी किया गया। हालांकि इन व्यवस्थाओं के बावजूद यात्रियों की परेशानी कम नहीं हो पाई। विशेषकर बुजुर्ग और छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रहे परिवारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

स्टेशन परिसर में सहयोग केंद्र बनाए गए, जहां पर ट्रेनों की स्थिति से जुड़ी जानकारी दी जा रही थी। सहयोग केंद्र पर दिनभर यात्रियों की लंबी कतारें लगी रहीं। लोग लगातार अपनी ट्रेनों की स्थिति पूछते रहे और लाउडस्पीकर से होने वाली घोषणाओं पर ध्यान देते रहे। कई यात्री तो निराश होकर घर लौट गए, जबकि कुछ ने वैकल्पिक मार्गों से अपनी यात्रा पूरी की।

धनबाद-एलेप्पी एक्सप्रेस सहित कई प्रमुख ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया या उनके समय में बदलाव किया गया। सुबह 11.35 बजे खुलने वाली धनबाद-एलेप्पी एक्सप्रेस को पुनर्निर्धारित कर शाम 6.35 बजे प्रस्थान करने की सूचना जारी की गई। इस कारण स्टेशन पर बैठे यात्री लंबे समय तक असमंजस की स्थिति में रहे। कई पैसेंजर ट्रेनें जैसे बरवाडीह-गोमो, गोमो-बरवाडीह, सिंदरी-धनबाद, चंद्रपुरा-धनबाद आदि को भी अचानक रद्द कर दिया गया।

वहीं, कई ट्रेनों का आंशिक समापन और प्रारंभ अलग-अलग स्टेशनों से किया गया। 13305 धनबाद-सासाराम इंटरसिटी को गोमो स्टेशन पर समाप्त किया गया, जबकि 13513 आसनसोल-हटिया एक्सप्रेस हजारीबाग टाउन तक ही चली। इसी तरह, 22349 पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस को गया स्टेशन पर समाप्त कर दिया गया। 22350 रांची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस को भी गया से प्रारंभ किया गया। इसके अलावा, राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों को भी वैकल्पिक मार्ग से चलाया गया, जिससे यात्रियों की यात्रा और अधिक लंबी हो गई।

18 को प्रस्थान की 18310 जम्मू तवी-संबलपुर एक्सप्रेस को टोरी-लोहरदगा-रांची होकर, 13152 जम्मू तवी-कोलकाता एक्सप्रेस को गया-किऊल-आसनसोल होकर, 19 को प्रस्थान की 12260 बीकानेर-सियालदह दुरंतो एक्सप्रेस को गया-किऊल-आसनसोल होकर, 12988 अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस को गया-किऊल-आसनसोल होकर, 12382 नई दिल्ली-हावड़ा पूर्वा एक्सप्रेस गया-किऊल-आसनसोल होकर, 01929 वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-पुरी स्पेशल को कोडरमा-महेशमुण्डा-मधुपुर-आसनसोल-खाना-भट्टानगर-खड़गपुर-हिजली होकर, 22324 गाजीपुर सिटी-कोलकाता एक्सप्रेस को कोडरमा-महेशमुण्डा-मधुपुर-आसनसोल होकर, 22812 नई दिल्ली- भुवनेश्वर राजधानी को कोडरमा-महेशमुण्डा-मधुपुर-आसनसोल-खाना-भट्टानगर-खड़गपुर-हिजली होकर, 07256 चेर्लापल्ली-पटना स्पेशल को न्यू कटनी- कटनी- सतना- प्रयागराज छिवकी- मिर्जापुर- पं. दीन दयाल उपाध्याय- बक्सर-आरा-पटना होकर, 20 सितंबर को प्रस्थान की 13554 वाराणसी-आसनसोल एक्सप्रेस को गया-किऊल-आसनसोल होकर, 12019 हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस को आसनसोल-जयचण्डी पहाड़-रांची होकर, 22303 हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस को आसनसोल-झाझा- किऊल-गया होकर, 09438 सियालदह-गांधीधाम स्पेशल को आसनसोल-झाझा- किऊल-गया होकर, 18613 रांची-चोपन एक्सप्रेस को रांची-टोरी, 12874 आनंद विहार-हटिया झारखंड एक्सप्रेस को टोरी-लोहरदगा-रांची होकर, 11447 जबलपुर-हावड़ा शक्तिपुंज एक्सप्रेस को सिगसिगी-सोन नगर- गया- किऊल- झाझा- आसनसोल होकर, 18309 संबलपुर-जम्मू तवी एक्सप्रेस को ईब-बिलासपुर-कटनी-मानिकपुर-प्रयागराज होकर, 15027 संबलपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस को ईब-बिलासपुर-कटनी-मानिकपुर-प्रयागराज होकर, 20817 भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी को ईब-बिलासपुर-कटनी-मानिकपुर-प्रयागराज होकर, 12357 कोलकाता-अमृतसर एक्सप्रेस को आसनसोल-झाझा- किऊल होकर, 13151 कोलकाता-जम्मू तवी एक्सप्रेस को आसनसोल-झाझा- किऊल होकर, 11448 हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस को आसनसोल-झाझा- किऊल-गया- सिगसिगी होकर, 19414 कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस को आसनसोल-झाझा- किऊल-गया- सिगसिगी होकर चलीं.

Kurmi Andolan के कारण केवल आम यात्रियों ही नहीं, बल्कि नौकरीपेशा और छात्र भी प्रभावित हुए। परीक्षा देने जा रहे विद्यार्थियों और नौकरी के सिलसिले में यात्रा कर रहे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस आंदोलन का असर न सिर्फ झारखंड, बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा तक फैला। रेल प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और आंदोलनकारी संगठनों से बातचीत की जा रही है। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि बार-बार इस तरह का रेल रोको आंदोलन उनकी जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर देता है और सरकार को इस पर स्थायी समाधान निकालना ही चाहिए।