Sarhul Festival 2023
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरना स्थल में पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर राज्य वासियों के सुख- समृद्धि, उन्नति और खुशहाली की कामना की।
Sarhul Festival 2023: वर्षों से चली आ रही प्रकृति पूजा की परंपरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरहुल का त्यौहार एक ओर हमें प्रकृति से जोड़ता है तो दूसरी तरफ अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति का सुखद अहसास कराता है। यही वजह है कि आदिवासी समाज वर्षों से प्रकृति पूजा की परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं।
Sarhul Festival 2023: जरूरतों और चुनौतियों के बीच संतुलन बनाना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में हमारी जरूरतें जिस तेजी से बढ़ रही है, उसी हिसाब से चुनौतियां भी सामने आ रही है। इसका सीधा असर हमारी प्राकृतिक व्यवस्था व्यवस्था पर पढ़ रहा है । अगर अपनी जरूरतों और चुनौतियों के बीच संतुलन नहीं बना पाए तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा । ऐसे में जरूरत है कि प्रकृति की गोद से जो हम हासिल कर रहे हैं, उसे पूरा लौटाना तो नामुमकिन है, लेकिन पेड़ लगाकर और पेड़ बचाकर हम प्रकृति के प्रति कुछ तो अपना योगदान कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने जंगल के साथ नदी- नाले और पहाड़ों को बचाने के लिए भी लोगों से आगे आने को कहा।