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Shibu Soren पंचतत्व में विलीन, बेटे हेमंत सोरेन ने दी मुखाग्नि, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

Megha Sinha

Jharkhand के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी नेता ‘गुरु’ शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से पूरा आदिवासी समाज और प्रदेश गमगीन है। शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा के बड़का नाला श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता को पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार मुखाग्नि दी। शोकाकुल भीड़ ने दूर-दूर से पहुंचकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक दिग्गजों ने भी उनके अंतिम दर्शन के लिए नेमरा पहुंचकर शोक व्यक्त किया।

राजनीति के इस बड़े वीर के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने तय कार्यक्रम बदलकर हेलीकॉप्टर के बजाय सड़क मार्ग से नेमरा का रुख किया। इस दौरान रास्ते में लोगों ने सड़क के दोनों ओर खड़े होकर नारे लगाते हुए उन्हें भावभीनी विदाई दी। पार्थिव शरीर को रांची विधानसभा परिसर से नेमरा तक ले जाते वक्त स्थानीय लोग श्रद्धांजलि देने के लिए कतारबद्ध थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सफेद कुर्ता-पायजामा और पारंपरिक आदिवासी गमछा पहने काफिले के साथ थे, जिनके पीछे वाहनों की लंबी कतार चली।

शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड सरकार ने 6 अगस्त तक तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। रांची में अधिकांश दुकानें और सरकारी कार्यालय बंद रहे, जबकि कई स्कूलों में उनकी आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं। राजद, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस समेत कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी शोक में शामिल हुए। शिबू सोरेन की विरासत झारखंड की राजनीति और आदिवासी समुदाय के लिए अमूल्य है, और उनकी यादें सदैव जीवित रहेंगी।