Tabrez Ansari Mob Lynching Case: ऐसा कहा जाता है कि भारत की आदालतों में न्याय मिलने की प्रक्रिया धीमी तो है लेकिन इंसाफ भी मिल जाता है। सरकार और प्रशासन भले ही अपनी नाकामियों को लाख छुपाने की कोशिश करे परन्तु आदालत सच्चाई सामने ले ही आता है।
झारखंड के चर्चित तबरेज अंसारी(Tabrez Ansari) की मौत मामले में कोर्ट ने 10 दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि अदा न करने की स्थिति में 1 महीने अतिरिक्त सजा मुकर्रर की गई है. अमित शेखर की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है.
मामले में इससे पूर्व दो आरोपी सत्यनारायण नायक और सुमंत महतो को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था. जबकि अन्य 10 आरोपी प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल, भीमसेन मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, महेश महाली, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और सुनामो प्रधान को दोषी पाया गया था. जिसपर बुधवार को फैसला सुनाते हुई न्यायालय ने सभी 10 आरोपियों को 10 साल की सजा मुकर्रर की है.
Tabrez Ansari Mob Lynching Case: फैसले से पत्नी संतुष्ट नहीं
तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) मॉब लिंचिंग मामले में फैसला आने के बाद पत्नी शाहिस्ता परवीन ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कोर्ट के फैसले से खुद को असंतुष्ट बताया. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला इन्हें मंजूर नहीं है. ऊपरी अदालत में जाकर इस फैसले को चुनौती देंगी. शाहिस्ता परवीन ने कहा कि वह चाहती हैं कि मामले के दोषियों को फांसी तक की सजा हो.
Tabrez Ansari Mob Lynching Case: देश की संसद तक गूंजा था मामला
बता दें कि तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) की मौत का मामला झारखंड के साथ ही देश की संसद तक में गूंजा था. सभी मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे थे. झारखंड के सरायकेला के धातकीडीह गांव में 18 जून 2019 को एक घर में चोरी की नीयत से घुसे तबरेज अंसारी की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. पिटाई के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया था. फिर वहां से तबरेज अंसारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. न्यायिक हिरासत में सरायकेला मंडल कारा में बंद तबरेज की तबीयत बिगड़ गई थी, जहां से उसे इलाज के लिए सरायकेला सदर अस्पताल लाया जा रहा था. इसी क्रम इलाज के दौरान तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी.
Tabrez Ansari Mob Lynching Case: बताया गया था मॉब लिंचिंग
मामले को लेकर उस समय इसे मॉब लिंचिंग के रूप में भी प्रचारित किया गया था. इस संबंध में मृतक तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन की शिकायत पर मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें पुलिस अनुसंधान के क्रम में कुल 13 लोगों को आरोपी बना कर गिरफ्तार किया गया था, जिसमें मामले के एक आरोपी कुशल महाली का निधन हो चुका है.