पलाश ब्रांड के अंतर्गत 13 स्टॉल में राज्य के विभिन्न जिलों से आई सखी मंडल के महिलाओं द्वारा तैयार किये गये करीब 23 तरह के उत्पादों को बिक्री के लिए महोत्सव में रखा गया था। जिसमें शुद्ध सरसों तेल, अचार, मधु , मड़ुआ आटा, मसाले, लोबिया, लेमनग्रास एवं साबुन की काफी डिमांड थी। वहीं, पलाश के अचार भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र था।
महोत्सव में राखी के त्यौहार के मद्देनज़र आदिवा ज्वेलरी की बहुत मांग रही। सखी मंडल की बहनों द्वारा निर्मित आदिवासी पारंपरिक ज्वेलरी ब्रांड आदिवा के तहत चाँदी एवं अन्य धातुओं से बने ज्वेलरी, जैसे झुमका, बाली इत्यादि लोगो ने बहुत चाव से ख़रीदा।
आदिवासियों के पारंपरिक पकवान भी आकर्षण के केंद्र रहे जहां सखी मंडल की महिलाओं द्वारा संचालित ‘आजीविका दीदी कैफे’ के तहत 6 स्टॉल में करीब 40 तरह के पारंपरिक व्यंजन परोसें गए। इस दो दिवसीय महोत्सव के दौरान करीब 10 लाख रुपये के पलाश उत्पादों की बिक्री हुईग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जेएसएलपीएस द्वारा लगाए गए पलाश, आदिवा ज्वेलरी और आजीविका दीदी कैफ़े ने करीब 10 लाख रुपए का कारोबार किया.