पश्चिम बंगाल में अगले कुछ ही महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले राज्य की सियासत गरमा गई है इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव राजनीतिक हिंसा को मुद्दा बनाया जा सकता है इन सबके बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की चर्चा काफी तेज हो गई है बीजेपी की तरफ से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात कहीं गई है जबकि राज्यपाल जगदीप धनखड़ में भी इसके संकेत दिए हैं उन्होंने कहा है कि संविधान के हिसाब से कदम उठाए जाएंगे
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में बीजेपी की तरफ से ममता सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की जा चुकी है भाजपा ममता सरकार के खिलाफ राजनीतिक हिंसा और रोहिंग्या मुसलमानों को मुद्दा बनाने के ज्यादा संभावनाएं हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ममता सरकार को इशारों इशारों में राज्य के भीतर राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कर चुके हैं एक तरफ ममता सरकार पार्टी में चल रहे गुटबाजी को लेकर परेशान है तो वहीं राष्ट्रपति शासन की बात एक नया सिरदर्द साबित हो सकता है
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन के बारे में कहा कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है विपक्ष की आवाज दवाई जा रही है पश्चिम बंगाल के अफसर राजनीतिक कार्यकर्ता बनकर कार्य कर रहे हैं जो प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं है राज्य में सुरक्षा देने को लेकर भी राजनीति की जा रही है राजनीतिक विरोधियों की सुरक्षा वापस ली जा रही है आगे राज्यपाल ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि पश्चिम बंगाल की जनता या विश्वास को देखी बंगाल में निष्पक्ष चुनाव भी हो सकते हैं राष्ट्रपति शासन लगाने पर कुछ नहीं बोलूंगा लेकिन संविधान के तहत जो शक्तियां मुझे मिली है जनता के हित में उसी हिसाब से कदम उठा लूंगा
पश्चिम बंगाल भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्या और उन पर हो रहे हमले के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है गुरुवार को बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर भी पत्थरबाजी हुई है इसका विरोध करने वाले तकरीबन 40 पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है जिसके बाद दिलीप घोष ने पुलिस पर यह आरोप लगाया है कि प्रशासन टीएमसी कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही है