एनडीए में जनता दल यूनाइटेड भारतीय जनता पार्टी विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ रहे थे इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 74 सीटें मिली है तो जनता दल यूनाइटेड को 43 वीआईपी को 4 हम को 4 सीटें मिली है इसके बाद एनडीए गठबंधन 125 के आंकड़े तक पहुंच करके बहुमत प्राप्त कर चुकी है
दूसरी तरफ महागठबंधन के तहत राष्ट्रीय जनता दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, सीपीआई(ml), सीपीआई ने मिलकर सुनाओ लड़ा जिसमें राजद को 75 कांग्रेस को 19 सीपीआई एम एल को 12:00 और सीपीआई को दो सीटें प्राप्त हुए हैं इसी के साथ महागठबंधन बहुमत के आंकड़े से दूर रह गया और सत्ता में आने की ख्वाहिश भी अधूरी रह गई देर रात तक चले गहमागहमी के बाद सुबह तकरीबन 5:00 बजे परिणाम पूरी तरह से साफ हुए चुनाव परिणामों के अंतिम क्षणों में राजद और कांग्रेस ने सत्ताधारी दल जदयू और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा की परिणाम के अंतिम क्षणों में तकरीबन 10 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को जानबूझकर हराया गया है इसमें कई अधिकारी भी शामिल है जिसकी शिकायत उन्होंने निर्वाचन आयोग से भी की परंतु निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई खास चीज हासिल ना होगी निर्वाचन आयोग ने भी स्पष्ट करते हुए कहा कि आरोप बेबुनियाद है इस प्रकार की कोई भी बात जमीन पर नहीं हो रही है
इन सब के बीच जो सबसे बड़ी बात सामने निकल कर के आई है वह यह रही कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा और जदयू की गठबंधन वाली सरकार में मंत्री रहे 9 लोगों को करारी हार का सामना करना पड़ा है जिनमें जनता दल यूनाइटेड के साथ और भाजपा के दो मंत्री शामिल है जदयू के जिन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है उनमें शैलेश कुमार खुर्शीद आलम जय कुमार सिंह रामसेवक सिंह कृष्णा नंदन वर्मा और संतोष निराला शामिल है
जबकि भाजपा के जिन मंत्रियों की हार हुई है उनमें सुरेश कुमार शर्मा और बृजकिशोर बिंद शामिल है मालूम हो कि कृष्णनंदन वर्मा को जहानाबाद सीट पर 30 हजार से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा है इससे पूर्व भी जब चुनाव प्रचार चल रहे थे तब जनता ने इनका कड़ा विरोध किया था मंत्रियों पर काम नहीं करने का आरोप लगाया गया था साथ ही कई वीडियो भी वायरल हुए थे जिनमें मंत्रियों का विरोध करते हुए लोगों को दिखाया गया था